ग्रामीणों को दी बड़ी इलायची के उत्पादन की जानकारी

श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि तकनीकी सहयोग देकर पहली बार श्रीनगर के आसपास के चयनित गांवों को घर से घर तक कार्यक्रम में प्रशिक्षण देने के बाद लोगों को आजीविका के संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए जंगली जानवरों द्वारा नुकसान नहीं पहुंचाने वाली फसलों में से एक बड़ी इलायची के उत्पादन को बढ़ावा देने की दृष्टि से गढ़वाल विवि द्वारा संचालित उन्नत भारत कार्यक्रम के तहत चयनित गांव पोखरी, खिर्सू, पौड़ी में पौध वितरण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अथिति उन्नत भारत कार्यक्रम के संयोजक प्रो. प्रभाकर बडोनी ने कहा कि यदि ग्रामीणों का सहयोग रहा तो विवि गांव को आजीविका से सम्बन्धित गतिविधियों के संचालन के माध्यम से आदर्श गांव बनाने का पूरा प्रयास करेगा। हैप्रेक के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. विजय कांत पुरोहित ने ग्रामीणों को बड़ी इलायची के रोपण, उत्पादन एवं उपज लेने की तकनीकी जानकारी प्रदान की। साथ ही बताया कि पूर्ण रूप से जैविक खेती में उत्पादित बड़ी इलायची का बाजार भाव दो हजार रुपए प्रति किलो है। अगर किसान अच्छा उत्पादन करता है तो मुनाफा होना निश्चित है। कार्यक्रम में नमानी गंगे कार्यक्रम से जुड़े हुए डा. शर्वेश उनियाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। ग्राम प्रधान अनीता देवी मंमगाई द्वारा पहली बार गांव में बड़ी इलायची के उत्पादन की जानकारी देने तथा पौध उपलब्ध करवाने के लिए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अनपूर्णा नौटियाल, प्रति कुलपति प्रो. आरसी भट्ट, कुलसचिव, डा. एसके खंडूरी एवम हैप्रेक के निदेशक प्रो. एमसी. नौटियाल का आभार व्यक्त किया। मौके पर प्रो. यूपी गैरोला, प्रदीप डोभाल, अजय हेमदान, कुलदीप सिंह रावत आदि मौजूद रहे।


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