कोरोना के कारण घटा सकल घरेलू उत्पाद, बेरोजगारी बढ़ी : मुख्य सचिव

देहरादून। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि कोरोना के कारण प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में कमी आई है और बेरोजगारी बढ़ी है। कोरोना के बाद ही तकरीबन 10 लाख उत्तराखंडवासी अन्य प्रदेशों से वापस आए हैं। उन्हें आजीविका देना सबकी जिम्मेदारी है। ऐसे में कृषि क्षेत्र की प्रासंगिकता भी बढ़ गई है। कृषि के साथ-साथ उससे संबद्ध कुटीर और सूक्ष्म उद्योग को भी प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है। इससे ग्रामीणों की आर्थिकी में सुधार होगा। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को कोरोना के कारण झटका लगा है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी कमी आई है। ऐसी परिस्थितियों में कृषि क्षेत्र ही अर्थव्यवस्था को संबल देने का काम कर सकता है। प्रदेश की 60 फीसद से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि के साथ ही पर्वतीय क्षेत्र में समग्र विकास की भी आवश्यकता है, क्योंकि यहां अन्य आर्थिक गतिविधियां सीमित हैं। कोरोना के कारण प्रदेश में रिवर्स माइग्रेशन (पलायन) हुआ है, इस कारण आर्थिक उन्नयन को समेकित प्रयास की जरूरत है। शासन को यह सुधारात्मक कार्य करने का अवसर मिला है। सभी सुधार कार्यक्रम जन संवाद के जरिये कार्यान्वित किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में युवाओं से संवाद की परंपरा कायम हुई है और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रखी जाएगी। बेरोजगारों से वार्ता कर उनकी उन्नति के लिए नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। जो मध्यावधि ऋण दिए गए हैं, उनके तीन वर्ष का ब्याज सरकार ने खुद वहन करने का फैसला लिया है। इससे ऋण लेने वालों को राहत मिली है। समग्र विकास को कार्यान्वित करने के लिए जिला और शासन स्तर पर प्रयास जरूरी हैं। बेरोजगारों से वार्ता कर उनकी उन्नति के लिए नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। जो मध्यावधि ऋण दिए गए हैं, उनके तीन वर्ष का ब्याज सरकार ने खुद वहन करने का फैसला लिया है। इससे ऋण लेने वालों को राहत मिली है। समग्र विकास को कार्यान्वित करने के लिए जिला और शासन स्तर पर प्रयास जरूरी हैं।.

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