1.5 करोड़ रुपये की नकली दवा का जखीरा पकड़ा
रुडकी। पुलिस और औषधि विभाग ने डेढ़ करोड़ रुपये की नकली दवा का जखीरा पकड़ा है। फैक्ट्री मालिक समेत दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फैक्ट्री को टीम की ओर से सील कर दिया गया है। पुलिस ने फैक्ट्री से 4 लाख 68 हजार 500 रुपए की रकम भी बरामद की है।
सिविल लाइंस कोतवाली में एसपी देहात एसके सिंह ने पत्रकार वार्ता कर बताया कि शनिवार देर शाम गंगनहर पुलिस को सूचना मिली थी कि माधोपुर में नकली दवा की फैक्ट्री संचालित हो रही है। सूचना औषधि विभाग को दी गई। गंगनहर पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने माधोपुर रोड सालियर साल्हापुर स्थित बीआर फार्मा कंपनी में छापेमारी की गई। टीम को मौके से 20 से अधिक पेटियों में नकली दवा का जखीरा मिला। मौके से पुलिस ने कंपनी मालिक प्रवीण त्यागी निवासी इकड़ी थाना सरधना जिला मेरठ हाल आर्य विहार कॉलोनी रुडक़ी और उसके साथी कपिल त्यागी हाल गांव करौंदी थाना भगवानपुर को गिरफ्तार किया। टीम में गंगनहर कोतवाली इंस्पेक्टर मनोज कुमार मैनवाल, उप निरीक्षक ठाकुर सिंह रावत, विनय मोहन द्विवेदी, विनोद बर्तवाल, देवेंद्र चपराना, औषधि निरीक्षक रुडक़ी मानवेंद्र सिंह राणा और औषधि निरीक्षक मुख्यालय देहरादून नीरज कुमार शामिल रहे।
फैक्ट्री के अंदर पांच मशीनें लगा रखी थी। जिनकी मदद से दवाओं की पैकिंग समेत अन्य कार्य किए जाते थे। टीम को मौके से पांच मशीनें मिली हैं, जिनकी मदद से फैक्ट्री के अंदर मालिक समेत अन्य कर्मचारी नकली दवाओं की पैकिंग कर उन्हें बाजार में सप्लाई करने के लिए पूरी तरीके से तैयार कर लेते थे। माधोपुर गांव में वीआर फार्मा कंपनी काफी समय से संचालित हो रही थी। फैक्ट्री में मालिक समेत 40 कर्मचारी फैक्ट्री की निगरानी के अलावा उसमें कार्य करते थे। बड़े पैमाने पर फैक्ट्री के अंदर एंटीबायोटिक दवा बनाई जा रही थी। जिस समय टीम ने फैक्ट्री में छापेमारी की, उस वक्त वहां फैक्ट्री संचालक और उसका साथी ही मौजूद था। कर्मचारी वहां से जा चुके थे। पुलिस अब नकली दवा फैक्ट्री में कार्यरत अन्य कर्मचारियों को भी चिन्हित करने का प्रयास कर रही है। जिन की अहम भूमिका होगी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
करोड़ों रुपये की बाजार में उतारी नकली दवा
शुरुआती पूछताछ में फैक्ट्री मालिक प्रवीण त्यागी और उसके साथी कपिल त्यागी ने बताया कि उन्होंने फैक्ट्री के अंदर अभी तक करोड़ों रुपये की दवा तैयार की है। रुडक़ी के अलावा यूपी के भी कई शहरों में वह मेडिकल स्टोर पर नकली दवा की सप्लाई कर चुकी है। पुलिस अब नकली दवा बेचने वाले मेडिकल स्टोर को भी चिह्नित करेगी। जो नकली दवा खरीद कर उन्हें आम लोगों तक पहुंचा रहे हैं। आशंका है कि अस्पतालों में भी इन नकली दवाओं का प्रयोग किया जाता होगा।
कई नामी कंपनियों की थी नकली दवा
गंगनहर पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने जब माधोपुर स्थित फैक्ट्री में छापेमारी की तो टीम को फैक्ट्री से विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम की नकली दवा मिली। जिनका प्रयोग आमतौर पर वायरल फीवर, थ्रोट इनफेक्शन, किडनी इन्फेक्शन, ब्लड प्रेशर, सर्दी, जुखाम और घाव को सुखाने के लिए ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है। फैक्ट्री में करीब 20 पेटी रखी थी। जिनके अंदर एफडीसी और टोरेंट समेत विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों की दवा शामिल हैं।
एक पत्ते की कीमत 760 रुपए: गंगनहर पुलिस और औषधि विभाग ने माधोपुर स्थित नकली दवा फैक्ट्री से एंटीबायोटिक दवा का डेढ़ करोड़ रुपये का जखीरा पकड़ा है। उनमें से 10 गोली के एक पत्ते की कीमत बाजार में 760 रुपए है। दवा की पैकिंग कर एफडीसी और टोरंटो समेत विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों की दवाई फैक्ट्री के अंदर तैयार की जा रही थी।
रुडक़ी से मेरठ तक जुड़े हैं नकली दवा के तार: टीम ने अंदेशा जताया है कि उत्तराखंड से लेकर यूपी तक सप्लाई हो रही थी नकली दवा
खुलकर बोलने से कतरा रहने अधिकारी: बड़े पैमाने पर नकली दवा का जखीरा पकडऩे के बाद से औषधि विभाग और पुलिस इस मामले में खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार फैक्ट्री काफी समय से संचालित हो रही थी, लेकिन फैक्ट्री को संचालित हुए कितना समय हुआ इस बारे में सही जानकारी नहीं दी गई। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच जारी है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनको बताया जाएगा।