ईपीएस पेंशन धारकों पर जल्द फैसला ले सरकार
देहरादून(आरएनएस)। ईपीएस 95 पेंशनर्स को न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये का लाभ देने की मांग तेज हो गई है। ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये के साथ ही महंगाई भत्ता का लाभ देने की मांग की। महासचिव बीएस रावत ने जल्द व्यवस्था सुनिश्चित करने को दबाव बनाया। राष्ट्रीय संघर्ष समिति के महासचिव बीएस रावत ने कहा कि न्यूनतम पेंशन की मांग को लेकर कर्मचारी एकजुट हैं। नाम मात्र की पेंशन मिलने से रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में रहता है। जिस समय उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत रहने की सबसे अधिक जरूरत होती है, उसी समय उन्हें इतनी भी पेंशन नहीं मिलती, जिससे की उनकी दवाई का भी इंतजाम हो सके। कहा कि रिटायरमेंट के बाद मात्र 1100 रुपये पेंशन मिलने से पेंशनर्स आहत हैं। नाममात्र की पेंशन देने से शर्मनाक स्थिति बनी हुई है। कहा कि सरकार जल्द पेंशनर्स की पूर्व में दी गई सेवाओं का सम्मान करते हुए न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये का लाभ दे। न्यूनतम पेंशन के साथ ही पेंशनर्स को नियमित रूप से महंगाई भत्ते का भी लाभ सुनिश्चित कराया जाए। इस सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार के पास किसी भी तरह के बजट की कोई कमी नहीं है। सरकार के पास ईपीएफ की आठ लाख करोड़ की पूंजी है। इसमें हर महीने 80 हजार करोड़ का ब्याज जमा हो रहा है। यदि 7500 रुपये न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ते का लाभ दिया जाता है, तो सिर्फ 43 हजार करोड़ का खर्चा होगा। इसका सीधा असर 70 लाख पेंशनर्स के साथ ही सात करोड़ ईपीएस सदस्यों पर पड़ेगा।