डा.निधि उनियाल प्रकरण की धीमी जांच पर जताई नाराजगी

देहरादून। अखिल गढ़वाल सभा देहरादून ने स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडेय व डा. निधि उनियाल प्रकरण की जांच समिति के अध्यक्ष मनीषा पंवार के छुट्टी पर चले जाने पर सवाल उठाए हैं। सभा ने कहा है कि दस दिन बीत जाने के बाद भी जांच की बेहद धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। उत्तरांचल प्रेस क्लब में हुई प्रेस वार्ता में सभा अध्यक्ष रोशन धस्माना, महासचिव गजेंद्र भंडारी ने कहा कि आज लगभग 10 दिन बीत जाने के बावजूद डा. निधि उनियाल प्रकरण में जांच की सिर्फ औपचारिकता होना दु:खद है। जिन डॉक्टरों ने कोरोनाकाल में विशेषकर डा. निधि उनियाल जैसे डॉक्टरों ने दिन रात एक कर जनमानस की मदद की, आज ऐसे डॉक्टरों के साथ ऐसा अशोभनीय बर्ताव किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में पहले ही डॉक्टरों की भारी कमी है। दूसरी ओर देहरादून में डॉक्टर प्रशासनिक अधिकारियों के गलत व्यवहार से क्षुब्ध होकर नौकरी छोड़ने पर विवश हो रहे हैं। गढ़वाल सभा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से डा. निधि उनियाल प्रकरण का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष सयाना को अविलंब हटाने की मांग की है। सभा की उपाध्यक्ष व आंदोलनकारी निर्मला बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड राज्य बनाने में महिलाओं की अग्रणी भूमिका रही है। लेकिन जिस तरह से डा. निधि उनियाल से अशोभनीय बर्ताव हुआ। वह उत्तराखंड की महिलाओं का अपमान है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभा ने इस प्रकरण पर स्वास्थ्य सचिव की पत्नी से लिखित रूप से डा. निधि उनियाल से माफी मांगने की मांग भी की है। इस मसले पर जल्द ही सभा का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा। मौके पर सह सचिव दिनेश बोडाई, कोषाध्यक्ष संतोष गैरोला, संगठन सचिव डा. सूर्य प्रकाश भट्ट, कार्यकारिणी सदस्य कुसुम लता शर्मा, उदवीर सिंह पंवार, नरेश उनियाल, वीरेंद्र सिंह रावत, अनुज भट्ट आदि उपस्थित थे।


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