ढोल वादकों को मिले राज्य आंदोलनकारी का दर्जा

देहरादून। उत्तराखंड सचिवालय एससी एसटी कार्मिक बहुउद्देश्य मानव संसाधन विकास कल्याण समिति ने बाजगियों को सम्मानित करने और राज्य आंदोलनकारी घोषित किए जाने की मांग की। राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत राज्य आंदोलनकारी आरक्षण उप समिति को पत्र भेज कर अपना पक्ष रखा। अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह और महासचिव कमल कुमार ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन में ढोल वादकों की भी बड़ी अहम भूमिका रही है। बाजगियों के ढोल के बिना कोई भी आंदोलन पूरा नहीं हुआ। आंदोलन की अग्रिम पंक्ति में यही ढोल वादक दस्तक देते थे। उनकी अहम भूमिका रही। राज्य की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक नीति रिवाजों, सामूहिक क्रियाकलाप में ढोल वादक बाजगियों की अग्रणी भूमिका रही। आज आलम ये है कि उनके योगदान को भुला दिया गया है। ऐसे में राज्य आंदोलन में अहम भूमिका को देखते हुए ढोल वादकों को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी का दर्जा दिया जाए। समिति ने उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग के नए भवन के निर्माण को बजट में व्यवस्था किए जाने की मांग की। कहा कि राज्य गठन के बाद से ही ये आयोग किराए के भवन में चल रहा है। ऐसे में बजट में नए भवन को बजट की व्यवस्था की जाए।