
अल्मोड़ा। ग्रामोत्थान (रीप) द्वारा संचालित चार दिवसीय सीएसए—क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुवार को ढौरा न्याय पंचायत (विकास खंड लमगड़ा) में सम्पन्न हुआ। यह प्रशिक्षण सीएलएफ ढौरा के तत्वावधान में 1 दिसंबर से शुरू हुआ था। कार्यक्रम के दौरान मास्टर ट्रेनर मनोज कुमार बोरा ने प्रतिभागियों को मिट्टी की उर्वरता, उसकी संरचना, पौधों को पोषण देने की क्षमता तथा मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों के विश्लेषण संबंधी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिट्टी की उत्पादकता नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम सहित सूक्ष्म पोषक तत्वों, कार्बनिक पदार्थ, जलवायु, भूमि प्रबंधन और फसल चयन जैसे कारकों पर निर्भर करती है। प्रशिक्षण में जैविक खाद, नीम की खली, एकीकृत मृदा उर्वरता प्रबंधन तथा फलीदार फसलों के उपयोग से मिट्टी सुधार के वैज्ञानिक तरीके भी बताए गए। सत्र में कृषि को प्रभावित करने वाले कीटों, उनसे बचाव के उपायों, टपक सिंचाई के लाभ, जलवायु सक्षम खेती, वर्मी कंपोस्ट के उचित उपयोग तथा पर्वतीय क्षेत्रों में झूम खेती की भूमिका पर भी चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त फूलों की खेती को भी आजीविका के संभावित साधन के रूप में समझाया गया। प्रशिक्षण के अंतिम दिन प्रतिभागी महिलाओं के बीच परीक्षा आधारित गतिविधि आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न टीमों ने सामूहिक रूप से प्रश्नों के उत्तर देकर अपने ज्ञान का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर मनोज कुमार बोरा के साथ उद्यान विभाग से एडीओ हेम बिष्ट, रीप लमगड़ा से एएमडी सुनीता रावत, रीप ढौरा की टीम तथा अध्यक्ष, सचिव सहित कुल 48 महिला प्रगतिशील कृषकों ने प्रतिभाग किया।


