धर्मेंद्र प्रधान बोले- ई- लर्निंग से गरीब बच्चों के लिए आसान होगी शिक्षा, योग शिक्षा को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाने की तैयारी
हमीरपुर/धर्मशाला। केंद्रीय शिक्षा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि शिक्षा व्यवस्था में प्रौद्योगिकी के समावेश पर विशेष बल दिया जा रहा है। ई-लर्निंग के माध्यम से गरीब से गरीब बच्चों को भी आधुनिक शिक्षा सुलभ बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान किया है। इसमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सहयोग से शैक्षणिक चैनल की संख्या 34 से बढ़ाकर 60 की जा रही है और 200 नए टीवी एवं ई-चैनल्स शुरू करने का प्रस्ताव है।
धर्मेंद्र प्रधान मंगलवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर के परिसर में लगभग 47 करोड़ 11 लाख रुपये की लागत से निर्मित आधुनिक कंप्यूटर सेंटर तथा 16 करोड़ 62 लाख रुपये की लागत से बने ई-क्लासरूस के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार ने एनआईटी परिसर में ढांचागत विकास के लिए करोड़ों रुपये का प्रावधान किया है। इस अवसर पर एनआईटी के निदेशक प्रोफेसर एचएम सूर्यवंशी, संस्थान के कुलसचिव योगेश गुप्ता, कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश शर्मा बबली मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार योग शिक्षा को बाल-वाटिका से लेकर कक्षा 12वीं तक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की तैयारी कर रही है। योग वैकल्पिक नहीं, बल्कि अनिवार्य विषय के तौर पर शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तनावपूर्ण जीवन में योग संजीवनी का काम कर रहा है और मानवता को स्वस्थ और निरोग बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस दौरान उन्होंने कांगड़ा घाटी की खुशनुमा वादियों की भी खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब हिमाचल को पर्यटन के अलावा योग भूमि के रूप में भी विश्व मानचित्र पर जगह मिलेगी। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला योग के लिए शुरू किए गए ‘गार्जियन रिंग’ कार्यक्रम जैसे अभिनव प्रयोग का हिस्सा है। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश की योग को अपने पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए सराहना की। केंद्रीय विवि के कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने इस दौरान कहा कि विश्वविद्यालय योग की धारा का प्रवाह निरंतर बढ़ाने में प्रयासरत है।