देवभूमि में सर्वांचल संस्कृत इवाम समाजिक विकास मंच( सुधी) की एक नई पहल
अल्मोड़ा/द्वाराहाट (बमनपुरी)। हमारे लाओ बैक होप आंदोलन के माध्यम से, SUDHI NGO अच्छे के लिए भारत के सबसे वंचित बच्चों के जीवन को बदलने के लिए काम कर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम मानते हैं कि यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम अपने बच्चों को एक ऐसी दुनिया दें, जिसमें वे कामयाब हो सकें और बस जीवित न रह सकें। भारत में कुल बच्चों की आबादी के एक चौथाई के लिए, ‘शिक्षा’ अभी भी एक लक्जरी है। वे अभी भी पढ़ने और लिखने के लिए संघर्ष करते हैं। शिक्षा एक बच्चे के जीवन को आकार देती है। यह एक उपकरण है जो यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे सीखने के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त करें और उन्हें अपने लिए एक व्यक्तित्व और भविष्य बनाने के लिए सुसज्जित करें।
सर्वांचल संस्कृत इवाम समाजिक विकास मंच जिसे “SUDHI” के रूप में जाना जाता है, वर्ष 2005 में स्थापित किया गया था। SUDHI एक शब्द है, जिसका अर्थ है, हमारे शुभचिंतकों, या दोस्तों या रिश्तेदारों के बारे में जानकारी प्राप्त करना जो कोई भी हमारे करीब है। यह एनजीओ समाज के वंचित वर्ग को सहायता प्रदान करने के लिए और जागरूकता पैदा करने और अनपढ़ बच्चों की जीवन स्थितियों में सुधार लाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। हमारे विश्लेषण के अनुसार, सर्वांचल संस्कृत इवाम समाजिक विकास मंच (SUDHI) का मिशन शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संबंधी मुद्दे, संस्कृति, सभी क्षेत्र भारतीय समुदाय के विकास और संवर्धन के लिए सबसे महत्वपूर्ण और अनुकूल हैं क्योंकि सभी क्षेत्र एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। लेकिन महत्वपूर्ण परियोजनाएं शिक्षा और स्वास्थ्य हैं। इसी के साथ सुधी का कार्य उत्तराखंड में बेरोजगारी को दूर भगाना है। इसी के साथ सुधि का काम उत्तराखंड के पिथौरागढ़, लमगड़ा व द्वाराहाट में चल रहा है। सुधी का फोकस बेरोजगारी को दूर भगाना तथा महिला सशक्तिकरण हमारी महिलाओ को आगे कैसे ला सके इस पर भी कार्य कर रहा है।
कुछ दिन पहले उत्तराखंड के जिला अल्मोड़ा के द्वाराहाट में सुधी फॉउंडेशन के सस्थापक व अध्यक्ष डॉ हंसा दत्त भट्ट द्वारा बैठक की गयी जिसमे सुधी के सभी कार्यकर्त्ता जिला परियोजना समन्वयक प्रभा नेगी, जिला परियोजना प्रबंधक मनमोहन सिंह तथा परियोजना सयोजक डॉली बिष्ट, टीम लीडर कविता नेगी उपस्थित थी। सुधी के तहत द्वाराहाट ब्लॉक के निकटर्ती गांव बमनपुरी में महिलाओ द्वारा धूप का कार्य किया जाएगा, जिससे बेरोजगारी में रोक लगेगी, और कोरोना काल के दौरान महिलाओं को रोजगार दिया जाएगा। हमारी दृष्टि मनोरम है और दूरगामी क्रिया है। हम मानते हैं, जब हम किसी व्यक्ति के जीवन को बदलने की कोशिश करते हैं, तो हम समुदाय, देश और अंततः दुनिया के जीवन को बदलते हैं। एक ऐसा भविष्य जहां हर व्यक्ति और उसके परिवार के लिए संभावनाएं, अवसर और सपने समान हों।
(रिपोर्ट: मनीष नेगी द्वाराहाट)