देहरादून शहर को जाम से निजात दिलाने का एक और खयाली पुलाव

देहरादून (आरएनएस)।  देहरादून शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए एक और नयी परियोजना अब फिर से कागजों में जन्‍म लेने लगी है, यह परियोजना है दून शहर के चारों तरफ 82 किमी छह लेन का एक्सप्रेस-वे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इसका प्राथमिक खाका तैयार कर लिया है। एक्सप्रेस-वे की डीपीआर बनाने के लिए टेंडर हो चुके हैं। इसमें छह कंपनियां आई हैं। इसमें एक कंपनी का चयन होना है। दावा किया जा रहा है कि छह लेन के इस एक्सप्रेस-वे के बनने से जाम से राहत मिलेगी।
आने वाले समय में दिल्ली-दून एक्सप्रेस-वे बनने से शहर में ट्रैफिक का दबाव बढ़ेगा। ऋषिकेश, मसूरी और सहस्रधारा के ट्रैफिक को शहर में दाखिल न होना पड़े, इसके लिए शहर के चारों तरफ एक्सप्रेस-वे बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इससे पहले लोनिवि ने 114 किमी रिंग रोड को लेकर कवायद की थी, लेकिन यह प्रोजेक्ट मंजूर नहीं हो पाया। अब एनएचएआई ने नए सिरे से छह लेन का एक्सप्रेस-वे बनाने की कवायद शुरू की है। देहरादून में इसके तहत प्रथम चरण में 12 किमी हिस्से का काम होना है। बाकी 70 किमी हिस्से के लिए डीपीआर की प्रक्रिया चल रही है। एक्सप्रेस-वे का काम आशारोड़ी से शुरू होगा, जो शहर के चारों ओर से घूमकर आशारोड़ी में ही मिलेगा। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से दून शहर को जाम की समस्या से राहत मिलेगा जाएगी। खासकर मसूरी का ट्रैफिक शहर में दाखिल नहीं होगा।

यहां से गुजरेगा एक्सप्रेस-वे
आशारोड़ी तक दिल्ली-दून एक्सप्रेस-वे बन रहा है। यहां से बाहरी ट्रैफिक को शहर के बाहर से गुजारने के लिए आशारोड़ी से शहर का एक्सप्रेस-वे शुरू होगा, जो पहले चरण में 12 किमी बड़ोवाला और झाझरा तक बनेगा। यहां से आगे यह एक्सप्रेस-वे मसूरी रोड पर मिलेगा। आगे बढ़ते हुए सहस्रधारा रोड होकर रायपुर, हर्रावाला से हरिद्वार हाईवे पर मिलेगा। फिर यहां से नया रूट डेवलेप होना है, जो आशारोड़ी पर आकर दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर मिलेगा।

शहर में हर साल वाहनों का दबाव बढ़ रहा है। देहरादून आरटीओ में 15 लाख से ज्यादा वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं। बाहरी राज्यों से भी बड़ी संख्या में वाहन आते हैं। पर्यटन सीजन में वाहनों का दबाव बढ़ जाता है। पुलिस के आकलन के अनुसार, हरिद्वार रोड और राजपुर रोड पर पीक ऑवर में साढ़े छह हजार, चकराता रोड और सहारनुपर रोड पर सात हजार वाहन प्रतिघंटा चलते हैं। वीकेंड या यात्रा सीजन में यहा दबाव दोगुना तक हो जाता है। आउटर एक्सप्रेस-वे बनने के बाद यह दबाव बहुत कम हो जाएगा।

दिल्ली एक्सप्रेस-वे बनने के बाद शहर में वाहनों का दबाव बढ़ेगा। मसूरी और ऋषिकेश की तरफ जाने वाले वाहन सीधे बाहर से चले जाएं, इसके लिए एक्सप्रेस-वे बनाया जाना है, जो छह लेन होगा। इसमें चुनिंदा स्थानों पर ही क्रॉसिंग होगी। डीपीआर की प्रक्रिया चल रही है।
-रोहित पंवार, साइड इंजीनियर एनएचएआई

देहरादून शहर में ट्रैफिक जाम और कम पड़ती सड़कों को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय से देहरादून के चारों ओर एक्सप्रेस-वे (रिंग रोड) बनाने का अनुरोध किया गया था, जिसे स्वीकृति मिल गई है। इस परियोजना पर 2500 करोड़ खर्च आएगा।
-आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव, लोनिवि