मार्च 2020 के बाद कोरोना महामारी एवं अन्य बीमारियों से माता-पिता को खो चुके निराश्रित बच्चों के लिए मुख्यमंत्री धामी का बड़ा फैसला

देहरादून। उत्तराखंड में मार्च, 2020 के बाद कोरोना महामारी एवं अन्य बीमारियों से माता-पिता को खो चुके निराश्रित बच्चों को 12वीं तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। इन बच्चों को सरकारी और अनुदानप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में दाखिला मिलेगा।

शुक्रवार को इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किए। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अंतर्गत मार्च 2020 से 31 मार्च, 2022 तक कोरोना और अन्य बीमारियों से मां-बाप की मृत्यु के बाद निराश्रित हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाने का निर्णय सरकार ने किया है। सरकार के निर्देश के बाद सभी संबंधित विभागों को 21 वर्ष की आयु तक बच्चों की मदद के लिए कदम उठाने हैं। बीते रोज महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने विभिन्न विभागों के स्तर से इस संबंध में पहल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद विभागों ने सुस्ती छोड़नी शुरू कर दी है। विद्यालयी शिक्षा विभाग इन निराश्रित बच्चों को सरकारी और अनुदानप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में 12वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा देगा। इसके अतिरिक्त सरकारी आवासीय विद्यालयों में भी मुफ्त शिक्षा के लिए इन बच्चों को दाखिला दिया जाएगा।

माध्यमिक शिक्षा संयुक्त सचिव जेएल शर्मा ने इस संबंध में शिक्षा महानिदेशक और माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों को आदेश जारी किया है और उच्च शिक्षा विभाग भी इस संबंध में आदेश जारी कर चुका है। 21 वर्ष आयु तक इन निराश्रित बच्चों को उच्च शिक्षा भी मुफ्त मिलेगी। उच्च शिक्षा प्रभारी सचिव दीपेंद्र कुमार ने नौ बिंदुओं पर आदेश जारी किए हैं। प्रभावित बच्चों को घर के समीप ही सरकारी और सहायता प्राप्त अशासकीय डिग्री कालेजों में दाखिला देने के साथ ही सभी तरह के शुल्क से मुक्त रखा गया है। उनसे मात्र कोषागार प्रवेश शुल्क के रूप में तीन से पांच रुपये लिए जाएंगे।