कोरोना को हराने में कोवैक्सीन से बेहतर है कोविशील्ड

पहली डोज वायरस के खिलाफ 81 फीसदी कारगर

नई दिल्ली (आरएनएस)। कोरोना पर काबू पाने के लिए देश में टीकाकरण जारी है, लेकिन टीका लगवाने के बाद आपके मन में कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे-जैसे की हमने जो वैक्सीन ली है वो काम करती है या नहीं, या कौन- सी वैक्सीन अधिक प्रभावी है? किस वैक्सीन को लगवाने से कोरोना संक्रमण का खतरा खत्म हो जाएगा? कौन सी वैक्सीन का साइड इफेक्ट सबसे कम है? कौन सी वैक्सीन लगवाने से एंडीबॉडी तेजी से और अधिक बनने लगते हैं? आपके मन में इस तरह के कई सवाल उठ रहे होंगे। इस बीच हाल ही में रिसर्च के बाद एक स्टडी में कहा गया है कि ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर सीरम इंस्टिट्यूट में बनाई गई कोविशील्ड भारत की स्वदेशी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की तुलना में अधिक एंडीबॉडीज बनाती है, यानि कोविशील्ड कोरोना को हराने में कोवैक्सीन से बेहतर साबित हुई है। वैसे कोवैक्सीन भी अच्छी है, लेकिन कोविशील्ड ज्यादा प्रभावी है।
इससे पहले जो आंकड़े सामने आए थे उसमे कहा गया था कि कोविशील्ड की पहली डोज कोरोना वायरस के खिलाफ 70 फीसदी कारगर है। लेकिन तीसरे चरण के ट्रायल के बाद जो आंकड़े सामने आए थे उसके अनुसार यह वैक्सीन 81 फीसदी कारगर है। कोरोनावायरस वैक्सीन-इंड्यूस्ड एंडीबॉडी टाइट्रे की तरफ से की गई शुरुआती स्टडी के अनुसार वैक्सीन की पहली डोज ले चुके लोगों में कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले लोगों में एंटीबॉडी अधिक बनी है।
शोध में कहा गया है कि 515 स्वास्थ्यकर्मियों पर जिसमे 305 पुरुष और 210 महिलाएं शामिल हैं उन्हें दोनों वैक्सीन दी गई। 425 लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गई है जबकि 90 लोगों को कोवैक्सीन वैक्सिन दी गई। वैक्सीन की दोनों खुराक देने के बाद 95 फीसदी लोगों में अधिक एंटिबॉडी पाई गई। जिन 425 लोगों को कोविशील्ड लगी थी उनमे 98.1 फीसदी और जिन्हें कोवैक्सीन लगी थी उनमे 80 फीसदी एंटिबॉडी पाई गई।
स्टडी में कहा गया है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों वैक्सीन का रेस्पॉन्स अच्छा है। लेकिन सीरोपॉजिटिवी रेट और एंटी स्पाइक एंटीबॉडी कोविशील्ड में अधिक है। सर्वे में शामिल 456 हेल्थकेयर वर्कर्स को कोविशील्ड और 96 को कोवैक्सीन की पहली डोज दी गई थी और पहली डोज के बाद ओवरऑल सीरोपॉजिटिविटी रेट 79.3 प्रतिशत रहा।

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