मुख्यमंत्री ने किया 30 अक्टूबर से 05 नवम्बर तक चलने वाले सतर्कता सप्ताह का शुभारंभ

– सतर्कता विभाग में 103 नये पद सृजित किये जायेंगे: सीएम
– सतर्कता विभाग की कार्यप्रणाली को प्रभावी रूप से और बेहतर बनाने के लिए सर्विलांस व तकनीकि विशेषज्ञों की टीम का गठन किया जायेगा।

देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने 30 अक्टूबर से 05 नवम्बर 2023 तक चलने वाले सतर्कता सप्ताह के अन्तर्गत ‘‘भ्रष्टाचार का विरोध करें, राष्ट्र के प्रति समर्पित रहें’’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सतर्कता विभाग में 103 नये पद सृजित किये जायेंगे। सतर्कता विभाग की कार्यप्रणाली को प्रभावी रूप से और बेहतर बनाने के लिए सर्विलांस व तकनीकि विशेषज्ञों की टीम का गठन किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने कार्यक्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले सतर्कता विभाग के इंस्पेक्टर तुषार बोहरा, इंस्पेक्टर भानु प्रकाश आर्य, एएसआई श्री दिवाकर शर्मा और कांस्टेबल नवीन कुमार को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की प्रतिज्ञा भी दिलाई।
मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ के दौरान भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर पूर्णतया रोक लगाने के लिए जागरूकता अभियान नियमित रूप से चलाए जाएं। मुख्यमंत्री ने विजिलेंस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए विभाग द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है, उसकी माह में दो बार रिपोर्ट प्रस्तुत की जाय। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सभी विभागीय सचिवों द्वारा अपने विभागों की नियमित मॉनेटरिंग की जाय। उन्होंने कहा कि सतर्कता विभाग को कार्रवाई में तेजी लाने के लिए जो भी फंड की आवश्यकता होगी वह प्रदान की जायेगी।

सुशासन और गरीब कल्याण पर सरकार का विशेष फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का सुशासन और गरीब कल्याण की दिशा में विशेष फोकस है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का प्रत्येक पात्र को पूरा लाभ मिले, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही और भ्रष्ट आचरण करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी को अपने कार्य व्यवहार में शालीनता के साथ ही जनहित में कार्य करने की भावना को लाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए जारी किये गये नम्बर 1064 का भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय। भ्रष्टाचार से संबंधित किसी भी शिकायत पर शीघ्र रेस्पांस दिया जाय, शिकायत सही पाये जाने पर त्वरित कार्रवाई की जाय।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने कहा कि भ्रष्टाचार पर पूर्णतया रोक लगाने के लिए टेक्नोलॉजी का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। सभी कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने से भ्रष्टाचार पर तो अंकुश लगेगा ही साथ ही अन्य व्यवस्थाओं में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि ई-रिकार्ड की दिशा में हमें तेजी से आगे बढ़ना है। ‘‘भ्रष्टाचार का विरोध करें, राष्ट्र के प्रति समर्पित रहें’’ का संदेश हम जन-जन तक पंहुचाने में सफल रहे तो भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए यह काफी कारगर सिद्ध होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए राज्य में काफी कार्य हुए हैं। हम विजिलेंस से सबंधित शिकायतों पर शत प्रतिशत एक्शन शीघ्रता से लेने में सफल रहेंगे, तो इससे जनता का सरकार पर और विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि विजिलेंस को और मजबूत बनाने की दिशा में कार्य किये जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी,  आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव  आर. के. सुधांशु,  एल फैनई, डीजीपी श्री अशोक कुमार, एडीजी  पी.वी.के प्रसाद, निदेशक विजिलेंस  वी. मुरूगेशन, एडीजी  अमित सिन्हा,  ए. पी अंशुमान एवं शासन के वरिष्ठ अधिकारी और विजिलेंस के अधिकारी उपस्थित थे।


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