चांद की मिट्टी से मिलती-जुलती है इस राज्य की मिट्टी, इसरो को भेजी गई 50 टन से अधिक मिट्टी

नई दिल्ली (आरएनएस)। इसरो के चंद्रयान 3 अभियान में देश के एक राज्य की मिट्टी ने अहम भूमिका निभाई है। यह राज्य है तमिलनाडु। तमिलनाडु ने इसरो के महत्वाकांक्षी चंद्रमा मिशन के परीक्षण के लिए तीसरी बार मिट्टी की आपूर्ति की है।
पेरियार विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के निदेशक प्रोफेसर एस अनबझगन ने बताया कि तमिलनाडु के नामक्कल में प्रचुर मात्रा में मिट्टी उपलब्ध थी, ऐसे में जरूरत पडऩे पर इसरो ने इसका इस्तेमाल किया। दरअसल तमिलनाडु में इस प्रकार की मिट्टी है जैसी चंद्रमा की सतह पर है। यह मिट्टी खासतौर पर दक्षिणी ध्रुव (चंद्रमा के) पर मौजूद मिट्टी से काफी मिजली-जुलती है। चंद्रमा की सतह पर मिट्टी ‘एनॉर्थोसाइट’ है जो मिट्टी का एक प्रकार है।’प्रोफेसर एस अनबझगन ने बताया, ‘‘इसरो ने जब चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम की घोषणा की, इसके बाद से हम लगातार मिट्टी भेज रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसरो को कम से कम 50 टन मिट्टी भेजी गई, जो चंद्रमा की सतह पर मौजूद मिट्टी से मिलती-जुलती है।’’अनबझगन ने कहा कि नामक्कल के पास स्थित सीतमपुंडी और कुन्नामलाई गांव, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों और देश के उत्तरी क्षेत्रों में इस प्रकार की मिट्टी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। अगर चंद्रयान-4 मिशन भी शुरू होता है तो हम उसके लिए भी मिट्टी उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं।’’


Exit mobile version