चकराता में स्वीकृत सभी विभागों को चकराता से संचालित करने की मांग
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विकासनगर। जौनसार बावर क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने एसडीएम चकराता के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार एक तरफ पहाड़ के गांवों से पलायन रोकने के प्रयास में जुटी है। दूसरी तरफ पहाड़ी क्षेत्र चकराता में स्वीकृत सरकारी विभागों को विकासनगर व कालसी से संचालित किया जा रहा है। जिससे क्षेत्र के लोगों को कालसी व चकराता के चक्कर काटने पड़ते हैं। ज्ञापन में चकराता में स्वीकृत सभी विभागों को चकराता से संचालित करने की मांग की है। एसडीएम के माध्यम से भेजे ज्ञापन में स्थानीय जनप्रतिनियों व संगठनों ने कहा कि जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर का केंद्र बिंदु चकराता है जहां यूपी के समय से लेकर तमाम विभाग संचालित होते रहे हैं। राज्य गठन के बाद भी विभिन्न विभाग जल निगम, पेय जल निगम निर्माण खंड, चकराता वन प्रभाग, लघु सिंचाई उपखंड, कृषि विभाग आदि के कार्यालय चकराता में खोले गए, लेकिन ये कार्यालय महज कागजों तक सिमट कर रहे गए हैं। जबकि सभी कार्यालय कालसी व विकासनगर से अधिकारी कर्मचारियों के सुविधा के अनुसार संचालित किए जा रहे हैं। जिसका लाभ जनजाति क्षेत्र की जनता को नहीं मिल पा रहा है। लोगों को विभागों से सबंधित छोटे मोटे कार्यों के लिए कालसी और विकासनगर जाकर विभागों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि पहाड़ों मे पलायन रोकने के लिए सरकार रोज नए-नए प्रयास कर रही है। ऐसे में यदि जौनसार बावर के पलायन को रोकना है तो चकराता में स्वीकृत कार्यालयों का संचालन भी चकराता से कराया जाए। जिसका सीधा लाभ आम जनता को मिल सके। ज्ञापन देने वालों में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अर्जुन सिंह, भीमदत्त वर्मा, क्षेत्र पंचायत सदस्य ठाणा उर्मिला जोशी, वीरेंद्र जोशी, सालकराम जोशी, सिमरन जोशी आदि शामिल रहे।