सीबीआरआई की तकनीक से हटाए जाएंगे 180 साल पुरानी इमारत पर उगे पेड़

almora property
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रुड़की। राजकीय सिंचाई विभाग उद्योगशाला की इमारत को बचाने में सीबीआरआई की तकनीक मदद करेगी। सीनियर साइंटिस्ट ने अपनी टीम के साथ कार्यशाला का निरीक्षण किया। पीपल बरगद और अन्य प्रजातियों के पेड़ों को उगने से रोका जाएगा। ताकि सिंचाई विभाग की इमारत को सुरक्षित रखा जा सके। ट्रायल के लिए जल्द ही एक टीम वहां पहुंचेगी। रुड़की में सिंचाई विभाग की उद्योगशाला करीब 180 साल पूर्व अस्तित्व में आई थी। यह विभाग अंग्रेजी शासनकाल के दौर से मौजूद है। यहां अंग्रेजी शासन काल के कई सबूत हैं। राष्ट्रीय धरोहर के रूप में भी इस कार्यशाला को बचाने की जद्दोजहद चल रही है। कई पुराने साजो सामान को दुरुस्त कराया गया है। अब यहां की इमारत की हालत दयनीय होती जा रही है। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान ने विभाग की इमारत की बारीकियों को समझा। करीब ढ़ाई माह पूर्व वहां एक टीम पहुंची। जिन्होंने इमारत में उगे पेड़ों के सैंपल लिए और उनकी प्रजातियों के बारे में जाना। जिसके बाद सीनियर साइंटिस्ट की टीम ने लैब में रिसर्च किया। रिसर्च में बनाया जा रहा कैमिकल कारगर साबित हुआ है। सोमवार को सीनियर साइंटिस्ट राजेश कुमार वर्मा की टीम कार्यशाला पहुंची। जहां उन्होंने कार्यालय की इमारत की जांच की। बताया कि जल्द ही उनके यहां तैयार तकनीक से इमारत में उगे पेड़ों को हटाया जाएगा। ताकि इमारत को गिरने और कमजोर होने से बचाया जा सके। अधिशासी अभियंता शिशिर गुप्ता ने बताया कि अंग्रेजी शासन काल के दौर से यह कार्यालय रुड़की में मौजूद है। सीबीआरआई के सीनियर साइंटिस्ट की टीम एक कैमिकल तैयार कर रहा है। जिससे इमारत में उगे पेड़ों की रोकथाम और उनको नष्ट किया जा सकेगा।

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