भाजपा कांग्रेस के बीच झूलते हरक सिंह रावत

देहरादून। भाजपा के बाद अब कांग्रेस उत्तराखंड चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची शुक्रवार देर शाम तक जारी कर सकती है। इस लिस्ट में करीब 60 सीटों से पार्टी उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है जबकि बीजेपी की ही तरह करीब 10 सीटों पर वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाने के मूड में है। चुनाव समिति की बैठक के बाद इस लिस्ट के जारी होने की बात कही जा रही है। वहीं, हरक सिंह रावत की कांग्रेस वापसी को लेकर कई पेंच अब भी फंसे हैं और इस बीच उन खबरों से हलचल मच गई कि हरक भाजपा के कई नेताओं के साथ संपर्क में हैं। अब सवाल खड़ा है कि हरक की वापसी तो होगी, लेकिन किस पार्टी में?

दिल्ली में कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक शुक्रवार शाम 5 बजे तय है। इसके बाद किसी भी समय कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेटों के नाम पर बना सस्पेंस खत्म हो सकता है। बताया जा रहा है कि इस लिस्ट में हरीश रावत की सीट का भी ऐलान संभव है। कुछ सीटों पर पार्टी में चल रही खींचतान के कारण उन्हें फिलहाल होल्ड पर रखा जा सकता है, जिनमें लैंसडौन जैसी हरक सिंह के प्रभाव वाली सीटें भी हो सकती हैं। इधर, हरक सिंह रावत की कांग्रेस वापसी लगातार मुश्किलों में दिख रही है और प्रदेश के साथ ही केंद्र स्तर के कई नेताओं की नाराज़गी की बातें सामने आ रही हैं।

कांग्रेस में वापसी से जुड़ी खबरों के बीच अचानक खबरें आईं कि हरक सिंह भाजपा में वापसी कर सकते हैं। भाजपा के पांच बड़े नेताओं के साथ हरक के संपर्क और बीजेपी में लौटने की राह बनाने की कवायद की खबरों पर बाद में खुद हरक ने खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक या उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कोई बात नहीं की। सिर्फ पूर्व सीएम विजय बहुगुणा से बात हुई, लेकिन वह भी सामान्य।

पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत पिछले पांच दिनों से उम्मीद लगाए हुए हैं कि कांग्रेस उनका हाथ थामेगी, लेकिन अब तक हरक को निराशा ही हाथ लगी है। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस मात्र उन्हें पूर्व में किए का अहसास दिलाने के लिए ऐसा कर रही है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा है कि उन पर बिना किसी वजह सोशल मीडिया पर चली खबरों के आधार पर एक्शन लिया गया। उन्हें पार्टी से निष्कासित किए जाने की एक वजह यह भी हो सकती है कि पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें गढ़वाल का टाइगर कहते थे। जो कुछ लोगों को हजम नहीं हुआ।


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