इंटरनेट के बगैर शुरू हुई डिग्री कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई

राज्य के अधिकांश डिग्री कॉलेजों में इंटरनेट की सुविधा नहीं होने के बावजूद ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गई है। नतीजतन, सुदूरवर्ती डिग्री कॉलेजों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तमाम दावों के बावजूद कॉलेजों को ब्रॉडबैंड सेवा से जोडऩे का काम शुरू नहीं हो पाया है।
प्रदेश में 105 डिग्री कॉलेज हैं।
हालत यह है कि पूरे प्रदेश में मात्र 17 डिग्री कॉलेजों में बीएसएनल की ब्रॉडबैंड सेवा है। अन्य डिग्री कॉलेजों की इंटरनेट सेवा रामभरोसे है। कहीं प्राध्यापकों ने डोंगल तो कई प्राध्यापक खुद के मोबाइल से हॉटस्पाट के जरिये इंटरनेट से ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए मजबूर हैं। पिछले सत्र में पूरे प्रदेश में मात्र 53 फीसदी विद्यार्थी ही ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर पाए।
सुदूरवर्ती कॉलेजों के विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए 8 से 15 किलोमीटर दून जाना पड़ा। छात्रों को जहां भी मोबाइल के सिग्नल मिले, वहीं से ऑनलाइन पढ़ाई का डेटा मोबाइल पर अपलोड किया। शासन स्तर से तमाम दावे किए गए कि प्रदेश के सारे कॉलेजों को जल्द इंटरनेट सेवा से जोड़ दिया जाएगा। कॉलेजों को नेट एवं ब्रॉडबैंड सेवा से जोडऩे का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है।
शहरी क्षेत्र से जुड़े डिग्री कॉलेजों का हाल भी बुरा
नेट कनेक्टिविटी में शहरों से जुड़े कॉलेज भी बदहाल हैं। देहरादून से डोईवाला समेत तमाम डिग्री कॉलेजों के साथ कुमाऊं में हल्द्वानी से लगे हल्दूचौड़, कोटाबाग, रामनगर, पतलोट, दोषापानी, मालधनचौड़ समेत तमाम डिग्री कॉलेज ब्रॉडबैंड से नहीं जुड़ पाए हैं। पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चम्पावत, बागेश्वर और गढ़वाल के सुदूरवर्ती कॉलेजों में नेट कनेक्टिविटी के हाल का अंदाजा लगाया जा सकता है।
राज्य के सभी डिग्री कॉलेजों को 2 अक्तूबर तक इंटरनेट एवं ब्रॉडबैंड सेवा से जोड़ दिया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर से आईटीडीए एवं रिलायंस को काम सौंपा गया है। नेट कनेक्टिविटी दुरुस्त होते ही पूरे प्रदेश में ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था सही हो जाएगी।-डॉ.एनएस बनकोटी, उप निदेशक, उच्च शिक्षा।

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