
उत्तराखंड में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी और कोरोना काल के दौरान घर लौटे युवा सरकार की चिंता का सबब बन रहे हैं। पूरे देश में बेरोजगारी की दर उत्तराखंड में सबसे अधिक होने का सर्वे भी भविष्य की चुनौतियों की ओर इशारा कर रहा है। इन सबके बीच प्रदेश सरकार बेरोजगारी दूर करने की कवायद में जुटी हुई है, लेकिन बैंक इसमें अब रोड़ा अटका रहे हैं। स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत शासन स्तर पर गठित समिति 4497 व्यक्तियों के प्रस्तावों को मंजूरी दे चुकी है, लेकिन बैकों ने इसके सापेक्ष अभी तक केवल 287 लोगों को ही ऋण दिया है।