बदइंतजामी की भेंट चढ़ा बॉर्डर पर कोरोना टेस्ट का दावा

देहरादून। बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को बिना कोरोना जांच के शहर में प्रवेश नहीं करने देने के दावे हवा-हवाई ही साबित हो रहे हैं। यहां तक कि हाईलोड शहरों से आने वाले लोग भी केवल स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा कर शहर में घुस रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण को रोकने के दावे कहां से सफल हो पायेंगे। बॉर्डर पर पेड आरटी पीसीआर जांच के दावे बदइंतजामी की भेंट चढ़ रहे हैं। उत्तराखण्ड में दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। संक्रमण से मरने की वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन आंकड़ों में बढ़ोत्तरी को देखते हुए सरकार ने बॉर्डर पर ही पेड आरटी-पीसीआर जांच करने की बात कही थी। जो मंगलवार से खानापूर्ति के तौर पर आशारोड़ी चेकपोस्ट में शुरू हो गई है लेकिन बदइंतजामी के चलते लोग बिना टेस्ट कराये ही शहर में प्रवेश कर रहे हैं। उनसे केवल स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर ही रजिस्ट्रेशन मांगा जा रहा है जिसके बाद उन्हें शहर में प्रवेश दिया जा रहा है। आज सुबह के समय भी आशारोड़ी में बदइंतजामी देखने को मिली। पेड आरटी-पीसीआर के नाम पर वहां ऐसा कुछ नहीं था। उस समय तक जिन लोगों ने दून स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा रखा था उन्हें बिना किसी जांच के शहर में जाने दिया जा रहा था। जबकि हाईलोड शहरों से वाले लोगों की बॉर्डर पर जांच अनिवार्य कही गयी थी। जांच के नाम पर वहां पर केवल स्मार्ट सिटी पोर्टल में रजिस्ट्रेशन को ही जांचा जा रहा था। हालांकि मीडिया के वहां पर पहुंचने पर आनन-फानन में निजी लैब से कर्मचारियों को बुलाया गया। अब इन दावों पर आगे कितना अमल होगा यह भविष्य में ही पता चलेगा लेकिन अब तक न जाने कितने ऐसे लोग शहर में आ चुके हैं जिनकी बॉर्डर पर जांच नहीं की गई। हो सकता है कि वे कोरोना संवाहक हो। ऐसे में कैसे इन लोगों से संक्रमण फैलने से रोका जा सकेगा।