बाशिक महाराज की पालकी मूल मंदिर को करेगी प्रस्थान

विकासनगर। बाशिक महासू देवता की हनोल प्रवास बंरवाशे की बौठा महासू देवता के साथ आज आखिरी पूजा लगेगी। मंगलवार को बाशिक देवता की पालकी अपने मूल मन्दिर मैंदरथ परिसर में पधारेगी। बाशिक देवता के देव कारिन्दे भक्त पालकी लेने हथवाड़ हनोल पहुंच गए हैं। हनोल बंरवाशे के लिए बाशिक देवता की पालकी जखोली मेले के बाद 10 जून को हनोल मंदिर में विराजमान हुई थी। बजीर दीवान सिंह राणा ने बताया कि बाशिक महासू देवता मैंदरथ मंदिर में इन दिनों सोने के कलश का कार्य चल रहा है। 21 जून को मैंदरथ मंदिर में कलश स्थापना के बाद देव पालकी मंदिर में प्रवेश के बाद विधि-विधान से विराजमान होगी। बाशिक महासू के हनोल प्रवास के दौरान जेठ, आषाढ़ माह में भारी भीड़ उमड़ रही है। प्रत्येक दिन हजारों श्रद्धालु रात्री जागरण के लिए पहुंच रहे है। पुजारी दीवान चन्द ने कहा दोपहर बाद हनोल से देव पालकी मैंदरथ के लिए रवाना होगी।

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