बरसाती नाले में बहे दो छात्र, लोगों ने बचाया
शिमला बाईपास पर आधा दर्जन बरसाती नाले उफान पर रहे
विकासनगर। पछवादून में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित है। बरसाती नालों के उफान पर आने से ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों को भी भारी नुकसान हो रहा है। शनिवार सुबह 11 बजे शिमला बाईपास पर करीब आधा दर्जन बरसाती नाले उफान पर आ गए। इससे करीब पचास बीघा जमीन में रोपी गई धान की फसल खराब हो गई। वहीं, शेरपुर में उफनते नाले को पार करते हुए दो छात्र तेज बहाव में बहने लगे। गनीमत रही मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें बचा लिया। नालों के उफान पर आने से शिमला बाईपास पर तीन घंटे तक यातायात ठप रहा। सुबह 11 बजे शिमला बाईपास पर शेरपुर में एक निजी शिक्षण संस्थान के समीप बहने वाला बरसाती नाला अचानक उफान पर आ गया। कुछ देर में नाले में बरसाती पानी के साथ ही भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर भी बहकर आने लगे। करीब आधे घंटे में ही नाले के निचले हिस्से में करीब पचास बीघा में फैले खेत मलबे से भर गए, इससे ग्रामीणों की धान की पौध बेकार हो गई। वहीं, करीब साढ़े 11 बजे मलूकचंद नाला, भूलराव नाला समेत तीन अन्य बरसाती नाले भी उफान पर आ गए। बरसाती नालों के सड़क पर उफनने से यहां सुबह 11 बजे से ही जाम लग गया था। दोपहर एक बजे स्कूलों की छुट्टी होने पर दो छात्रों ने शेरपुर नाले को पार करने की कोशिश की, लेकिन कुछ कदम चलने के बाद ही वे तेज बहाव में बहने लगे। वहां मौजूद भीड़ ने मानव श्रृंखला बनाकर पानी के तेज बहाव से दोनों छात्रों को बाहर निकाला। दोपहर ढाई बजे पानी का बहाव कम होने के बाद शिमला बाईपास पर यातायात बहाल हुआ। नालों के उफान पर आने से हसनपुर-कल्याणपुर गांव में लोगों के घरों में पानी घुस गया, इसके साथ ही खेत भी मलबे से दब गए। उधर, एसडीएम विनोद कुमार ने बताया कि बरसाती नालों के उफान पर आने से हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश संबंधित लेखपालों को दिए गए हैं।