बारिश और ओलावृष्टि के बाद ठिठुरन में इजाफा
नैनीताल। जिला मुख्यालय में बारिश और ओलावृष्टि के बाद ठिठुरन में इजाफा हो गया है। ओलावृष्टि से आलू की खेती और आडू, नाशपाती समेत तमाम अन्य फलों को भारी नुकसान पहुंचा है। लंबे समय बाद हुई बारिश से नैनी झील के जलस्तर में 1 इंच की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। बुधवार को नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में लंबे समय के बाद बारिश हुई। इस बीच बूंदाबादी के साथ ही ओलों ने भी दस्तक दी। एक ओर फसलों के लिए बूंदाबादी लाभकारी बताई जा रही है तो वहीं, दूसरी ओर ओलावृष्टि से आलू समेत तमाम फलों को खासा नुकसान पहुंचा है। नैनी झील नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रमेश चंद्र ने बताया कि नैनी झील का जलस्तर 8 इंच दर्ज किया गया है, जोकि पिछले दिनों 7 इंच था। पिछले वर्ष इस समय नैनी झील का जलस्तर 5 फीट 8 इंच रिकॉर्ड किया गया था। 24 घंटे में 17.4 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मई-जून में शहर में रोजाना 18 से 20 एमएलडी तक पानी की खपत होती है, लेकिन वर्तमान में पर्यटकों के नहीं होने से 7 से 8 एमएलडी पानी रोजाना खर्च हो रहा है। जिला मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी प्रताप सिंह ने बताया कि बारिश तथा ओलावृष्टि के बाद नैनीताल के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को अधिकतम तापमान 20 और न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।