बर्फबारी से खेती और फलों को मिली संजीवनी

चमोली(आरएनएस)। चमोली जिले में भी भले ही बर्फ देर से गिरी। यह बर्फ अभी भी खेती, उद्यान और पहाड़ों पर सूखते प्राचीन जल स्रोतों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। पहाड़ों पर हिमपात पर्यटन की दृष्टि से भी स्थानीय व्यापारियों के लिए फायदेमंद बन रहा है। सेब और नाशपाती की फसल के लिए बर्फबारी फायदेमंद है। नीती मलारी घाटी के उद्यान काश्तकार गौर सिंह, बड़ागांव के हरीश भंडारी, नरेन्द्र सिंह का कहना है कि देर से ही सही फरवरी में भी हिमपात उद्यान के लिए फायदेमंद है।जिला मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह का कहना है कि फरवरी में भी हिमपात खेती और उद्यान के लिए लाभकारी साबित होगी। सब्जी उत्पादक महेंद्र सिंह कहते हैं मटर का अच्छा उत्पादन हो रहा है। और बाजार में भी लोकल मटर की अच्छी डिमांड है। उधर, मौजूदा समय में हुई बर्फबारी से पर्यटन कारोबार में तेजी आई है। चमोली जिले में गांवों में होम स्टे का कारोबार बढ़ा है। वाण के हीरा सिंह बिष्ट गढ़वाली कहते हैं अब पर्यटक और ट्रेकर्स दूर गांवों के होम स्टे में आ रहे हैं।


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