नौकरियों की बंदर बाँट में खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा प्रदेश का युवा

विकासनगर। बार काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष रजिया बेग ने कहा कि उत्तराखंड राज्य गठन के पीछे रोजगार और विकास की अवधारणा रही है। राज्य प्राप्ति के लिए उत्तराखंड की महिलाओं और युवाओं ने अपने बलिदान दिए। लेकिन नौकरी माफिया, सफेदपोश नेताओं ने राज्य आंदोलनकारियों, शहादत देने वाले युवाओं और महिलाओं को शर्मशार कर दिया है। राज्य गठन से लेकर अब तक नेताओं और माफिया ने जिस तरह से सरकारी नौकरियों की रेवड़ियां अपने तथा परायों को बेची हैं, उसने मेहनतकश योग्य युवाओं को नौकरियों से वंचित कर दिया। गुरुवार को विकासनगर में आयोजित एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में बार काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष रजिया बेग व पूर्व दर्जाधारी आकिल अहमद ने कहा कि राज्य गठन के बाद से लेकर अब तक इन 22 वर्षों में नेताओं ने जहां अपने परायों को नौकरियों को बांटने का काम किया। वहीं नौकरी माफिया ने लोगों को नौकरियों को बेचने का खेल किया। इससे प्रदेश का युवा अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। कहा कि 2002-03 के पटवारी भर्ती घोटाले से लेकर दरोगा भर्ती घोटाले हुए। जिनकी सीबीआई जांच हुई ,लेकिन बेनतीजा रही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 ग्राम विकास अधिकारी भर्ती, वर्ष 2015 दरोगा भर्ती घोटाला, विधानसभा भर्ती घोटाला, उत्तराखंड चयन आयोग भर्ती घोटालों में तमाम नियुक्तियों में घोटालों पर घोटाले हो रहे हैं। एक भी सरकारी नौकरी बिना घोटाले के नहीं हो रही है। हाल में विधायकों से लेकर मंत्रियों पूर्व विधानसभा अध्यक्षों और मुख्यमंत्री तक के रिेश्तदोरों, नातेदारों को सरकारी नौकरियां रेवड़ियों की तरह बांटी जा रही है। प्रदेश का मेहनतकश व योग्य युवक बेरोजगारी के मारे दर दर भटक रहे हैं। उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। राज्य गठन से लेकर अब तक की गयी सभी नियुक्तियों की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। इस मौके पर सोयब एडवोकेट, राजू तोमर, जगदीश शर्मा, शोयब मलिक, मेहतब खान, मैहफूज, हरिदर्शन शर्मा, शेर अली, इकबाल उपस्थित रहे।

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