बहुमत को लेकर भाजपा आश्वस्त

बहुमत को लेकर भाजपा आश्वस्त

जेजेपी को कटघरे में खड़ा करने की है हुड्डा की रणनीति

अविश्वास प्रस्ताव के जरिए जेजेपी-भाजपा पर दबाव डालना चाहती है कांग्रेस

नई दिल्ली, 23 फरवरी (आरएनएस)। हरियाणा में बहुमत के सवाल पर भाजपा आश्वस्त है। पार्टी का मानना है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता भूपेंद्र हुड्डा की अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की घोषणा का असली मकसद भाजपा की सहयोगी जेजेपी पर दबाव डालना है। इसके जरिए हुड्डा अंतर्विरोध झेल रही जेजेपी को कटघरे में खड़ा करना चाहते हैं।
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा के पास 40 विधायक है। अविश्वास प्रस्ताव को गिराने के लिए भाजपा को महज छह विधायकों के समर्थन की जरूरत है। किसान आंदोलन पर जारी विवाद के बावजूद भाजपा को आठ में से पांच निर्दलीय का समर्थन हासिल है। इसके अलावा जेजेपी के दस में से कम से कम चार विधायक खुल कर पार्टी नेतृत्व के साथ हैं। ऐसे में भाजपा को कम से कम 49 विधायकों का समर्थन हासिल है जो बहुमत से तीन ज्यादा है।

हुड्डा के निशाने पर जेजेपी
दरअसल सरकार गठन के बाद से ही जेजेपी के ज्यादातर विधायक रामकुमार गौतम के नेतृत्व में दुष्यंत चौटाला के खिलाफ हैं। किसान आंदोलन के दौरान ये विधायक खुल कर सरकार के खिलाफ टीका टिप्पणी कर रहे हैं। हुड्डïा की रणनीति भविष्य की राजनीति के लिए किसान आंदोलन के संदर्भ में दुष्यंत को कटघरे में खड़ा करना है। चूंकि जेजेपी का आधार भी मुख्यत: जाट बिरादरी है। इसलिए हुड्डïा अपनी बिरादरी को जेजेपी के संदर्भ में स्पष्टï संदेश देना चाहते हैं। इनेलो विधायक अभय चौटाला ने इस्तीफा दे कर पहले ही दुष्यंत पर दबाव बढ़ा दिया है।

इसलिए अधिक चिंतित नहीं है भाजपा
दरअसल भाजपा हरियाणा में गैरजाट राजनीति कर रही है। पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि बीते दो विधानसभा चुनाव में गैरजाट वोटों से ही पार्टी की सरकार बनी। किसान आंदोलन में मुख्यत: जाट बिरादरी शामिल है। इस बिरादरी ने बीते चुनाव में कांग्रेस और जेजेपी को अपना समर्थन दिया था। पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि राज्य में किसान आंदोलन का गैरजाट बिरादरी में विशेष प्रभाव नहीं है।

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