अवैध कब्जे की जनहित याचिका पर मुनि चिदानंद और उप निबंधक पौड़ी को नोटिस जारी

नैनीताल। हाईकोर्ट ने सोमवार को स्वर्गाश्रम ऋषिकेश में मुनि चिदानंद द्वारा 148 नाली भूमि पर अवैध कब्जा करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। इसमें मुनि चिदानंद और उप निबंधक पौड़ी को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति्त आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। अधिवक्ता विवेक शुक्ला की ओर से मामले में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कहा है कि ऋषिकेश के स्वर्गाश्रम की 148 नाली भूमि पर मुनि चिदानंद द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। जबकि यह भूमि बरेली निवासी साहू रामनारायण के नाम पर दर्ज थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस भूमि को मुनि चिदानंद ने 11 अप्रैल 1989 को यह कहकर अपने नाम दर्ज करा लिया कि उनको यह जमीन रामनारायण ने दान में दी है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि साहू रामनारायण की मृत्यु 1947 में हो गयी थी, जबकि दान 1989 को दिखाया गया है। याची ने दाननामे को चुनौती देते हुए कहा कि दान देते वक्त देने वाला व लेने वाला दोनों पक्ष जीवित होने आवश्यक हैं। इसी आधार पर उसका रजिस्ट्रेशन किया जाता है। मुनि चिदानंद द्वारा इस भूमि को अवैध तरीके से हासिल कर इस पर कब्जा किया गया है। याची ने उन्हें इस भूमि से बेदखल कर उक्त भूमि को सरकार के खाते में समायोजित करने की मांग की है।