अवैध फार्महाउस पर चला प्राधिकरण का बुलडोजर, 40 करोड़ की संपत्ति हुई ध्वस्त

नोएडा (आरएनएस)। चार माह बाद एक बार फिर से नोएडा प्राधिकरण ने यमुना डूब क्षेत्र में अवैध फार्म हाउसों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की है। यह कार्रवाई भूलेख विभाग और वर्क सर्किल की संयुक्त टीम की ओर से की गई। सुबह नौ बजे नोएडा प्राधिकरण के बुलडोजर सेक्टर-151 यमुना डूब क्षेत्र के कोंडली बांगर पहुंचा। यहां करीब 1 लाख 20 हजार वर्गमीटर जमीन पर बने 30 फार्म हाउसों को ध्वस्त किया। जमीन की कीमत करीब 40 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।

कार्रवाई में जुटे 120 कर्मचारी
वर्क सर्किल-10 के वरिष्ठ प्रबंधक केवी सिंह ने बताया कि इस पूरी कार्रवाई में प्राधिकरण के करीब 120 छोटे बड़े कर्मचारी, नौ जेसीबी और 8 डंपरों का प्रयोग किया गया। प्राधिकरण ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा कि नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र में काटी जा रही अनाधिकृत व अवैध कालोनियों एवं फार्म हाउसों के कारोबार में संलिप्त भूमाफिया को चंगुल न फंसे। हालांकि इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर फार्म हाउस संचालक हाई कोर्ट जाने का मन बना रहे है।
बता दें कि मई-जून में प्राधिकरण ने तीन क्लबों सहित 124 फार्म हाउस को ध्वस्त कर दिया गया था। वहीं बुधवार को 30 और फार्म तोड़े गए। कुल मिलाकर 154 फार्म हाउस को ध्वस्त किया गया। प्राधिकरण ने इस क्षेत्र में 2000 फार्म हाउस को अवैध घोषित किया है जिनको ध्वस्त किया जाएगा।

पूरे इलाके का हुआ था ड्रोन सर्वे
हाल ही में नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने भी स्पष्ट कर दिया था कि कार्रवाई जारी रहेगी। प्राधिकरण जो ड्राफ्ट तैयार कर रहा है। उसमें सार्वजनिक नोटिस की लाइन, नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) के नियमों का उल्लंघन और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की गाइड लाइन के अनुसार है। प्राधिकरण ने यमुना के अधिसूचित क्षेत्र और बाढ़ के मैदानों में निर्माण के खिलाफ जून में सार्वजनिक नोटिस जारी किया था। जिसमे लिखा था कि यूपी औद्योगिक विकास अधिनियम के प्रविधानों के तहत प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में बिना पूर्व अनुमति के निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। यदि किसी के द्वारा कोई निर्माण किया गया है तो उसे अविलंब हटा दें, अन्यथा यदि नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र में अनधिकृत निर्माण पाया जाता है तो उसे ध्वस्त कर दिया जायेगा। यदि फार्म हाउस संचालकों पर दोबारा से बड़े स्तर पर कार्रवाई होती है तो एक बार फिर वह हाइकोर्ट जा सकते है। इसी दौरान नोएडा प्राधिकरण ने पूरे इलाके का ड्रोन सर्वे भी कराया है।


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