असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती-2021 को रद्द किए जाने पर जताई नाराजगी

पौड़ी। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती-2021 को रद्द किए जाने पर नेट सेट जेआरएफ संगठन ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। संगठन ने अ‌‌सिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने की आशंका जताई है। संगठन से जुड़े सदस्यों ने कहा कि संगठन लगातार भर्ती को लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के निश्चित अनुपात के आधार पर किए जाने की मांग कर रहा है, लेकिन भर्ती में बाहरी लोगों व सगे-संबंधियों के चयन को आनन-फानन में रद्द कर दिया गया है। रविवार को नेट सेट जेआरएफ संगठन की बैठक का आयोजन किया गया। इस मौके पर संगठन के सदस्य डा. जितेंद्र ढौंडियाल ने बताया कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती-2021 एपीआई (एकेडमिक परर्मोमेंस इंडेक्स) के आधार पर संपादित की जा रही थी। आयोग ने दिव्यांग आरक्षण के नाम पर भर्ती को रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा नेट पास व पीएचडी धारक अभ्यर्थी लगातार लिखित परीक्षा (85 प्रतिशत) और साक्षात्कार (15 प्रतिशत) के निश्चित अनुपात के आधार पर इस भर्ती प्रक्रिया को कराने की मांग कर रहे हैं। लेकिन संगठन की मांग को सरकार नजरअंदाज करती आ रही है। कहा एपीआई के आधार पर उत्तर प्रदेश, हिमाचल, हरियाणा सहित अनेक बाहरी राज्यों के लोगों को बढ़ावा मिल रहा है। इससे उत्तराखंड के युवाओं को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा रहा है। कहा भर्ती को दिव्यांग आरक्षण के नाम पर रद्द किया जाना संदेहास्पद है। कहा उत्तराखंड में वर्तमान में सभी भर्तियां भ्रष्टाचार में घिरी हैं। इस भर्ती को भी रद्द किया जाना भी सगे- संबंधियों के चयन को आनन-फानन में रद्द किया गया है। कहा कि उच्च शैक्षणिक संसाधनों में यूजीसी रेगुलेशन ने 2023 तक एपीआई से छूट दी गई है। लेकिन उत्तराखंड से इस व्यवस्था को पहले ही अपना लिया है। जो उत्तराखंड के सभी अभ्यर्थियों को समानता के अधिकार से वंचित करने के साथ ही उनके साथ धोखा है। इस अवसर पर मोहित, जयहरी श्रीवास्तव, गुंजन, प्रीति आदि मौजूद रहे।

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