असम चुनाव में मोदी होंगे भाजपा का चेहरा
अलग-अलग गुटों में संतुलन साधने के लिए भाजपा ने बनाई रणनीति
लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में बदला सियासी पैटर्न भी बनी वजह
नई दिल्ली ,19 फरवरी (आरएनएस)। असम में जल्द होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा सीएम सर्बानंद सोनोवाल को नहीं बल्कि पीएम मोदी को अपना चेहरा बनाएगी। पार्टी ने यह निर्णय विधानसभा चुनावों में बदले सियासी पैटर्न के साथ राज्य में तीन ताकतवर गुटों के बीच संतुलन साधने के लिए लिया है। पार्टी के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब वह राज्य के सीएम को इस पद का उम्मीदवार नहीं बनाएगी।
दरअसल पार्टी नेतृत्व विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की में आए बदलाव को ले कर बेहद सतर्क है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद उन राज्यों में जहां पार्टी सत्ता में थी, वहां सीएम को फिर से सीएम पद का उम्मीदवार बनाने की रणनीति काम नहीं आई। लोकसभा के मुकाबले विधानसभा चुनाव में पार्टी के मतों में भारी गिरावट दर्ज की गई। हरियाणा में पार्टी किसी प्रकार सत्ता बचाने में कामयाब रही। जबकि महाराष्टï्र और झारखंड में पार्टी को सत्ता गंवानी पड़ी।
अलग-अलग ताकतवर गुट भी हैं कारण
इसके अलावा राज्य में तीन अलग-अलग ताकतवर गुट है। सीएम सोनोवाल के अलावा राज्य सरकार में मंत्री हेमंत विस्वा सरमा और राष्टï्रीय महासचिव दिलीप सैकिया का राज्य के अलग-अलग इलाकों में अपना आधार है। सोनोवाल के अलावा सैकिया और सरमा भी सीएम पद के प्रबल दावेदार हैं। ऐसे में अगर पार्टी किसी एक को सीएम पद का चेहरा बनाती है तो दूसरे गुट से नुकसान होने का खतरा है। यही कारण है कि पार्टी ने इस बार पीएम मोदी के चेहरे के सहारे चुनाव लडऩे का फैसला किया है।
पीएम की लोकप्रियता बरकरार
पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्य में अलग-अलग गुट के इतर पीएम की स्वीकार्यता में कोई कमी नहीं आई है। पूर्वोत्तर के राज्यों में पीएम की लोकप्रियता में पहले की तुलना में और बढ़ोत्तरी ही हुई है। पीएम को आगे कर चुनाव लडऩे की स्थिति में सत्ता विरोधी मतों का विपक्ष के पक्ष में ध्रुवीकरण को रोका जा सकता है। इसके अलावा इस निर्णय से तीनों गुट एक दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।