अशासकीय कालेजों से छात्र निधियां खर्च करने का अधिकार छीना

देहरादून(आरएनएस)। अशासकीय अनुदान प्राप्त डिग्री कालेज के प्राचार्य अब छात्र निधियां का संचय या खर्च अपने स्तर से खर्च नहीं कर पाएंगे। शासन ने बुधवार को निर्देश जारी करते हुए कालेजों को तत्काल सभी निधियों के खाते उच्च शिक्षा निदेशक को ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं। इससे अशासकीय कालेजों में भारी रोष है। उनका कहना है कि जब सरकार उन्हें अनुदान के रूप में कोई सुविधा या सहायता नहीं देती तो छात्र निधियों पर क्यों अधिकार मांगा जा रहा है। उच्च शिक्षा सचिव रंजीत कुमार सिन्हा की ओर से इसके आदेश जारी किए गए हैं। जिसमें ये कहा गया है कि सभी अशासकीय कालेजों में छात्र निधियों के संचय, संरक्षण और देख रेख का अधिकारी प्राचार्य के पास है। लेकिन कालेजों के अनुदानित होने के चलते ये सारे अधिकार उच्च शिक्षा निदेशक को दिए जाने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में सभी प्राचार्य तत्काल सभी छात्र निधि के खातों के सारे अधिकारी निदेशक को हस्तांतरित करें। जो भी कालेज पंद्रह दिन के भीतर इस पर कार्रवाई नहीं करेगा उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। सचिव के इस पत्र के बाद अशासकीय कालेजों में हड़कंप मचा हुआ है। उनका कहना है कि छात्रों का पैसा छात्र हित में खर्च करने के लिए उन्हें अब निदेशक स्तर से हर बार अनुमति लेनी होगी। कालेज में छोटे से छोटा काम करवाने के लिए भी निदेशक स्तर से मंजूरी और बजट का इंतजार करना होगा। जिससे कि अशासकीय कालेज और ज्यादा पिछड़ जाएंगे।