आर्य समाज धामावाला का वार्षिक उत्सव शुरू

देहरादून। आर्य समाज धामावाला के 141वें वार्षिक उत्सव में आचार्य विद्यापति शास्त्री ने हवन कर उत्सव की शुरुआत की। प्रधान सुधीर गुलाटी ने ध्वजारोहण किया। भजनोपदेशक सत्यपाल सरल के भजनों ने सभा में उपस्थित आर्यजनों का मन मोह लिया। मुख्य वक्ता स्वामी सच्चिदानंद ने जीवन के लक्ष्य, जीवन के उद्देश्य विषय पर चर्चा करते हुए ईश्वर की भक्ति, उपासना करते हुए अंतर्मुखी होने पर बल दिया। सायंकालीन सत्र में कुमारी रितु, आचार्य विद्यापति शास्त्री ने भजनों की तो प्रस्तुति दी। सभा ने सत्यपाल सरल के भजनों का आनंद उठाया। स्वामी सच्चिदानंद ने ईश्वर के नामों पर व्याख्या करते हुए ईश्वर को जानना अति आवश्यक है। ईश्वर एक ही है, उसी की उपासना करनी चाहिए। ईश्वर के नाम पर झगडे होते हैं। नाम अनेक हैं किन्तु परमात्मा का मुख्य नाम ओउम है। ईश्वर एक है और सब जगह कण-कण में होते हुए लोग मंदिर में क्यों जाते हैं। ईश्वर जड़ नहीं चेतन सर्वव्यापाक, आनंदस्वरूप न्यायकारी है। ईश्वर को मानने से पहले मनाना आवश्यक है, ईश्वर पर विश्वास करना आवश्यक है।