
रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। अगस्त्यमुनि में प्रस्तावित स्पोर्ट्स स्टेडियम के निर्माण को लेकर चल रहा विवाद दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान आंदोलित लोगों ने उग्र होकर निर्माण का पुरजोर विरोध किया और निर्माण कार्य रुकवा दिया। इससे पहले प्रशासन द्वारा निर्माण स्थल का मुख्य गेट बंद कर अंदर कार्य कराया गया, जिससे लोगों में जर्बदस्त आक्रोश देखा गया। मंगलवार को स्पोर्ट्स स्टेडिमय में हो रहे काम को बंद करने के लिए आक्रोशित ग्रामीणों ने गेट खोलने की मांग की। इस बीच यहां मौजूद बड़ी संख्या में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच तीखी नोंक-झोंक और धक्का-मुक्की हुई। जब गेट नहीं खोला गया तो आक्रोशित लोगों ने दूसरे रास्ते से निर्माण स्थल के भीतर प्रवेश किया और अंदर जाकर जेसीबी मशीन के सामने खड़े हो गए। काम रोकते हुए सभी धरने पर बैठ गए। इससे निर्माण कार्य भी ठप हो गया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि जब तक स्टेडियम निर्माण पूरी तरह बंद नहीं किया जाता, तब तक किसी भी हालत में मशीनें नहीं चलने दी जाएंगी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे त्रिभुवन चौहान, अनिल बेंजवाल, राजेश बेंजवाल, भूपेंद्र बेंजवाल, उदयप्रताप सिंह, वैष्णी देवी सेमवाल, उमा कैंतुरा, दीपा देवी और सर्वेश्वरी गुसाईं आदि ने कहा कि अगस्त्यमुनि का यह मैदान मुनि महाराज और अगस्त्य ऋषि से जुड़ा पवित्र, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है। यह मैदान वर्षों से स्थानीय लोगों की आस्था, परंपरा और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि बिना जनसहमति और स्थानीय भावनाओं की अनदेखी कर प्रशासन द्वारा जबरन निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जो किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि गेट बंद कर अंदर काम कराना लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि निर्माण कार्य तत्काल बंद नहीं किया गया तो आंदोलन को और व्यापक व उग्र किया जाएगा। इधर, रुद्रप्रयाग प्रशासन की ओर से तहसीलदार प्रणव पांडेय ने बताया कि निर्माण कार्य शासन की स्वीकृति और तय मानकों के अनुसार किया जा रहा है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। पूरे मामले से जिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है। जिलाधिकारी के निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

