अधिकारियों के लापरवाह रवैए से गुस्साए ग्रामीणों ने तहसील का किया घेराव

विकासनगर। खत होड़गाड और खत बमटाड़ के 24 गांवों में आई आपदा के तीन दिन बाद भी प्रशासनिक अफसरों के सुध नहीं लेने से ग्रामीणों में आक्रोश है। बुधवार को अफसरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने तहसील मुख्यालय का घेराव कर प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आपदा के तीन दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने अभी तक कोई सहायता मुहैया नहीं कराई है। अपर जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद ही ग्रामीण शांत हुए। बुधवार दोपहर जिला प्रशासन के अधिकारियों के चकराता पहुंचते ही खत बमटाड़ा के ग्रामीणों का गुस्सा उन पर फूट पड़ा। ग्रामीण पहले से ही तहसील परिसर में अधिकारियों का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अधिकारियों की ओर से सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने तहसील मुख्यालय को घेर लिया। कुछ ही देर में खत बमटाड़ के अन्य ग्रामीण भी पहुंच गए। ग्रामीणों के तेवर देखकर अधिकारियों के भी हाथ पांव फूल गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि आपदा आए तीन दिन हो गए हैं, लेकिन तहसील के अधिकारी उनकी सुध तक नहीं लेने तक नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि कई परिवारों की पूरी कृषि भूमि आपदा की भेंट चढ़ गई है, जिसके बाद उनके पास आजीविका का कुछ साधन नहीं बचा है। ग्राम मगरोली, क्वारना, होड़ा, डकियारना, अष्टाड आदि गांवों के ग्रामीणों ने कहा कि अधिकांश गांवों में सार्वजनिक रास्तों से लेकर पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई हैं। कई गांवों में ग्रामीण पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीणों ने पूरे क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित कर उनके कृषि ऋण माफ करने की मांग की। घेराव करने वालों में जिला पंचायत सदस्य गीता राम तोमर, बुद्ध सिंह, आनंद राणा, कुंवर सिंह, केशर सिंह, अतर सिंह, राजेंद्र सिंह, आनंद सिंह, श्याम सिंह, भगत सिंह, सुंदर सिंह, भाव सिंह, चमन सिंह, सुरेंद्र सिंह आदि शामिल रहे।