आतंकी संगठन जेएमबी भोपाल में रच रहे थे खलीफा शासन की साजिश
भोपाल (आरएनएस)। यहां पकड़े गए प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकी भारत में खलीफा शासन की साजिश चल रहे थे। इसके लिए यह बड़ी मात्रा में धन-बल का उपयोग कर रहे हैं। आतंकी मध्यप्रदेश में असम के रास्ते दक्षिण से होते हुए घुसे। अरबी में खलीफा शब्द का मतलब प्रतिनिधि या उत्तराधिकारी होता है। पैगम्बर साहब की 632 ईसवी में मृत्ये के बाद पूरे मुस्लिम जगत की राजनीतिक बागडोर संभालने वालों को खलीफा कहा जाता था। जिस प्रकार रईस के राज को रियासत, अमीर के राज को अमीरात और खान के राज को खानत कहते थे, उसी तरह खलीफा के राज को खिलाफ राज कहा जाता था। आतंकी संगठन देश में खिलाफ के लिए काम कर रहा था। जेएमपी आतंकवादी गतिविधियों, विस्फोटकों/रसायनों और इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक का उपयोग करने के लिए भर्ती और रुपए जुटाने में लगा है। वर्धमान बम विस्फोट (दो अक्टूबर 2014) और बोधगया विस्फोट (19 जनवरी 2018) की जांच में जेएमबी के सदस्यों की संलिप्तता हुई थी। जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश 1998 में अस्तित्व में आया। इसका उद्देश्य जिहाद के जरिए खिलाफत शासन की स्थापना करना है। जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश और इसके संगठन जमात-ए-मुजाहिदीन इंडिया या जमात-ए-मुजाहिदीन हिन्दुस्तान एवं इनके रूप जेएमएस ने आतंवादी गतिविधियां की हैं। आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए युवाओं को कट्टर बनाने और उनकी भर्ती करने में लिप्त रहा है। भारत में सबसे पहले असम पुलिस ने जेएमबी से संबंधित 56 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। जांच में इनके पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा राज्यों के जिलों में भारत-बांग्लादेश सीमा के दस किलोमीटर क्षेत्र के भीतर स्थायी अड्डे बनाने की साजिश का पता चला था। यह भारतीय उपमहाद्वीप में खलीफा शासन स्थापित करने में व्यापक उद्देश्य से दक्षिण भारत में इसका नेटवर्क फैलाने में लगे हैं। यहीं से इन्होंने मध्यप्रदेश और खासतौर पर भोपाल में अपना नेटवर्क बनाया। जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश भारत में दो नाम से सक्रिय है। जेएमबी का मानना है कि वे अल्लाह के सिपाही हैं। वे कहते हैं- अल्लाह का कानून लागू करने के लिए हमने हथियार उठा लिए हैं। यदि सरकार इस चेतावनी के बाद भी देश में इस्लामी कानून स्थापित नहीं करती है और अल्लाह के कानून की मांग करने पर किसी भी मुसलमान को गिरफ्तार किया जाता है तो जेएमबी जवाबी कार्रवाही करेगा। जेएमबी त्रिस्तरीय संगठन है। पहले स्तर में एहसार नामक कार्यकर्ता शामिल हैं। यह फुल टाइम के लिए भर्ती किए जाते हैं। उच्च स्तर के इधारे पर कार्य करते हैं। दूसरे नंबर की गायरी एहसान के नाम पर जाना जाता है। यह पार्ट टाइम कार्यकर्ता हैं। तीसरे स्तर में वे लोग शामिल है, जो परोक्ष रूप से जेएमबी के साथ सहयोग करते हैं।