आपदा को लेकर अलर्ट मोड पर रहें अधिकारी: मंडलायुक्त

हल्द्वानी। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने आपदा से निपटने की तैयारियों को लेकर मंडलभर के जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की। उन्होंने अधिकारियों को नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और टनकपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों मे आईपी कैमरा लगाने के निर्देश दिए। ताकि पानी बढ़ने की सूचना मिलने पर तत्काल राहत कार्य शुरू किए जा सकें। उन्होंने कहा कि आपदा को लेकर भंडलभर के अधिकारी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रहें।

कमिश्नर कैंप कार्यालय हल्द्वानी में आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में मंडलायुक्त रावत ने कहा कि आपदा से पहले ही सुरक्षात्मक उपाय किए जाएं। जिससे आपदा के प्रभाव को कम से कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी अपने स्तर पर आपदा से पहले सारी तैयारियां सुनिश्चित कर लें। साथ ही हर विभाग अलर्ट मोड में रहकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि 15 जून तक हर हाल में पेड़ों की लौपिंग का कार्य पूरा कर लिया जाए। साथ ही बिजली ट्रीपिंग, शार्ट सर्किट की समस्या से निपटने को पर्याप्त संख्या में पोल, ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने नगर निगम को नालों की सफाई , स्वास्थ्य विभाग को सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सर्पदंश के इंजेक्शन की आपूर्ति, जिला आपूर्ति व खाद्य विभाग को दूरस्थ क्षेत्रों में खाद्यान्न की आपूर्ति कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि थानों और तहसीलों में आपदा राहत और बचाव के उपकरण हर हाल में क्रियाशील रहने चाहिए। वीसी में डीआईजी नीलेश आनंद भरणे, जिलाधिकारी चम्पावत नरेंद्र भण्डारी, बागेश्वर विनीत कुमार, पिथौरागढ़ आशीष कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, डीएफओ संदीप, टीआर बीजू लाल, एडीएम शिवचरण द्विवेदी, संभागीय खाद्य नियंत्रक कुमांऊ हरबीर सिंह मौजूद रहे।

लापरवाही पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई
वीसी में मंडलायुक्त रावत ने कहा कि संवेदनशील व भूस्खलन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक हफ्ते के भीतर चेतावनी साइनेज लगाए जाएं। उन्होंने लोनिवि के अधिकारियों से कहा कि साइनेज के लगने से सड़क मार्ग से यात्रा करते लोगों को दूर से ही ऐसे स्थलों की जानकारी रहेगी। ताकि दुर्घटनाओं पर रोकथाम लगेगी। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान किसी भी अधिकारी और कर्मचारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जिम्मेदार अधिकारियों खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।