
एनडीपीएस मामलों में बिना एफएसएल रिपोर्ट पेश किया था चालान, मिली जमानत
चंडीगढ़। एनडीपीएस के मामले में नशे की 7000 गोलियों की रिकवरी के चलते दर्ज हुए केस में आरोपी को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। हाईकोर्ट ने कहा कि बिना फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट के एनडीपीएस का मामला टिकता नहीं है। हाईकोर्ट ने ऐसे चालान पेश करने के चलन पर हरियाणा सरकार को फटकार लगाई।
सिरसा निवासी याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि एफआईआर के अनुसार 20 दिसंबर 2020 को पुलिस गश्त पर थी और याची ट्रैक्टर से उनकी तरफ बढ़ रहा था। याची ने जब पुलिस को देखा तो ट्रैक्टर को खेतों में उतारने का प्रयास किया। इस दौरान उसका ट्रैक्टर रुक गया और पुलिस ने जांच में पाया कि मडगार्ड के पास बने थैले में नशे की 7000 गोलियां थीं। इसके बाद 4 मार्च 2021 को पुलिस ने चालान पेश कर दिया, लेकिन इस चालान में फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट नहीं थी।
याची ने कहा कि 180 दिन में इस रिपोर्ट को सौंपना होता है और यह अवधि 20 जून 2021 को पूरी हो गई। बिना एफएसएल की रिपोर्ट के चालान को पूरा नहीं माना जा सकता। हाईकोर्ट ने सभी दलीलों को सुनने के बाद कहा कि एनडीपीएस के मामले में बरामद की गई सामग्री को नशीला पदार्थ साबित करना जरूरी होता है। इसके लिए एफएसएल की रिपोर्ट बेहद आवश्यक होती है। बिना एफएसएल की रिपोर्ट के केस पूरी तरह से गिर जाता है।
हाईकोर्ट ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट के बिना चालान को अधूरा माना जाए या नहीं, यह मामला बड़ी बेंच के समक्ष विचाराधीन है। ऐसे में याची 9 माह से जेल में है और उसे जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए। हालांकि हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि बड़ी बेंच का फैसला याची के खिलाफ आता है तो पुलिस उसकी जमानत को खारिज करने की अर्जी दाखिल करने को स्वतंत्र है।