रजिस्ट्रार-काननूगो के कार्य बहिष्कार से काम प्रभावित

सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक काला फीता बांध किया कार्य बहिष्कार

रुड़की।  उत्तराखंड रजिस्ट्रार कानूनगो संघ ने पदोन्नति सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया। सुबह दस से दोपहर एक बजे तक काली फीता बांधकर कार्य बहिष्कार किया। इससे दाखिल-खारिज, खतौनी की नकल आदि निकालने का काम प्रभावित हुआ। संघ ने नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति, रजिस्ट्रार कानूनगो और राजस्व निरीक्षक पद को एकीकरण कर वरिष्ठता पोषक संवर्ग से निर्धारित करने, रजिस्ट्रार-कानूनगो के रिक्त पदों को नियमानुसार भरने, रजिस्ट्रार कानूनगो पद पर पदोन्नति के लिए विकल्प न मांगकर ज्येष्ठता के आधार पर पदोन्नति किए जाने, पुरानी व्यवस्था में बदलाव कर पदों का पुर्नगठन, तहसीलों के अभिलेखागार में बस्ताबरदार, अनुसेवकों की तैनाती किए जाने, कोविड के कामों के लिए प्रोत्साहन राशि दिए जाने, की मांग की। कर्मचारियों ने चरणबद्ध आंदोलन के तहत सोमवार से सुबह दस से दोपहर एक बजे तक कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। काला फीता बांधकर मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया।
संगठन के प्रदेश महामंत्री मनोज कुमार पांडेय, प्रदेश कोषाध्यक्ष राजेश मारवाहा, जिला मंत्री मधुकर जैन, जिला कोषाध्यक्ष सतीश कुमार ने कहा कि अगर मांग नहीं मानी जाती है तो एक नवंबर से पूरी तरह कार्य बहिकार किया जाएगा। रजिस्ट्रार-कानूनगो के कार्य बहिष्कार से दाखिल-खारिज, खाता-खतौनी की नकल, निर्वाचन संबंधी काम प्रभावित हुए हैं। वहीं, उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति के आह्वान पर सिविल अस्पताल के कर्मचारियों ने दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। समिति अपनी 18 सूत्रीय मांग को लेकर लंबे समय से चरणबद्ध आंदोलन चला रही है। इसमें पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली और पदोन्नति की मांगें प्रमुख हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार की ओर से राज्य कर्मिकों की लंबे समय से चली आ रही लंबित समस्याओं के लिए कोई सकारात्मक पहल शुरू नहीं हुई जबकि सरकार और महासंघ के बीच कई दौर वार्ता भी हो चुकी हैं।


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