अल्मोड़ा जनपद न्यायालय में ई-सेवा केन्द्र की स्थापना, ये मिलेंगी सुविधाएं
अल्मोड़ा। उच्चतम न्यायालय, भारत के ई-कमेटी के अध्यक्ष के निर्देश तथा उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल के द्वारा दिये गये निर्देश के कम में जनपद अल्मोड़ा का चयन ई-सेवा केन्द्र के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया है और जनपद अल्मोड़ा में प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों में पहले ई-सेवा केन्द्र की स्थापना की गयी। जिसका उद्घाटन मुख्य न्यायाधीश, उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल, राघवेन्द्र सिंह चौहान द्वारा वर्चुअल मोड में किया गया। इस दौरान न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, न्यायमूर्ति आर. सी. खुल्बे, न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा एवं रजिस्ट्रार जनरल व अन्य रजिस्ट्रार उपस्थित रहे। जनपद अल्मोड़ा में जिला जज मलिक मजहर सुलतान की अध्यक्षता में उक्त कार्यक्रम आयोजित किया गया।
ई-सेवा केन्द्र में वादकारियों को निम्नलिखित सुविधाएं मिलेंगी-
1- प्रकरण की स्थिति सुनवाई की आगामी तिथि व अन्य विवरण की जानकारी प्रदान करना।
2- प्रमाणित प्रतिलिपियों के लिये ऑनलाईन आवेदन करने में सहायता प्रदान करना।
3- याचिकाओं की ई-फाइलिंग को सुविधाजनक बनाने के लिये याचिकाओं की हार्डकॉपी की स्कैनिंग, ई-सिग्नेचर जोड़ने एवं अन्य प्रकार की सहायता प्रदान करना।
4- ई-स्टाम्प पेपर की ऑनलाइन खरीद में सहायता प्रदान करना ।
5- आधार आधारित डिजिटल हस्ताक्षर के लिये आवेदन करने में सहायता प्रदान करना।
6- एंड्राइड और आईओएस मोबाइल हेतु ई-कोर्ट ऐप को डाउनलोड करने में सहायता प्रदान एवं प्रचार प्रसार करना।
7- जेल में निरूद्ध कैदियों की उनके रिश्तेदारों से मुलाकात के लिए ई-मुलाकात की बुकिंग में सहायता प्रदान करना।
8- न्यायाधीशों के अवकाश पर होने के बारे में जानकारी देना।
9- किसी विशेष न्यायालय की अवस्थिति, न्यायालय की वाद सूची तथा मामले को सुनवाई हेतु लिया गया है या नहीं, के बारे में जानकारी प्रदान करना।
10- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च विधिक सेवा समिति एवं उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समिति से निःशुल्क विधिक सेवा लेने हेतु मार्गदर्शन करना।
11- वर्चुअल न्यायालयों में यातायात चालान के निस्तारण की सुविधा प्रदान करना।
12- वीडियो कॉनफेन्सिंग की जानकारी व सहायता प्रदान करना।
13- ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत डिजिटल रूप से उपलब्ध सुविधाओं के सम्बन्ध में सहायता प्रदान करना।
उक्त समारोह में जनपद अल्मोड़ा के समस्त न्यायिक अधिकारीगण, अध्यक्ष बार संघ एवं अन्य अधिवक्तागण उपस्थित रहे।