मेन्टल हेल्थ एण्ड साईकोसोशल स्पोर्ट इन कोविड-19’ विषय पर 03 दिवसीय कार्यशाला आरम्भ
आरएनएस ब्यूरो सोलन। ‘मेन्टल हेल्थ एण्ड साईकोसोशल स्पोर्ट इन कोविड-19’ विषय पर 03 दिवसीय कार्यशाला आज यहां आरम्भ हुई। इस कार्यशाला का आयोजन जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। कार्यशाला का शुभारम्भ उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण सोलन की अध्यक्ष कृतिका कुल्हरी ने किया।
उपायुक्त ने कहा कि कोविड-19 महामारी वर्तमान में विश्व की सबसे बड़ी त्रासदी बनकर उभरी है। उन्होंने कहा कि इस महामारी में पीड़ित के साथ-साथ उसका परिवार और पूरा समाज त्रासदी झेलने को विवश है। ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि समाज को मानसिक रूप से मज़बूत बनाया जाए ताकि सभी इस त्रासदी का दृढ़तापूर्वक सामना कर सकें।
कृतिका कुल्हरी ने कहा कि महामारी के सन्दर्भ में आपदा प्रबन्धन तभी सफल हो सकता है जब इस कार्य में संल्गन विशेषज्ञों, विभागों, स्वयंसेवी संगठनों और आमजन में समन्वय हो। इसके लिए आपदा को न्यून करने में कार्यरत व्यक्तियों का प्रशिक्षित होना ज़रूरी है।
उन्होंने कहा कि गत लगभग 18 माह के समय में भारत सहित समूचे विश्व को कोविड-19 संकट के कारण अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत हालांकि कोविड-19 बचाव के लिए टीकाकरण मुहिम का अगुवा बनकर उभरा है किन्तु फिर भी सभी के लिए सावधानियां एवं नियम पालन आवश्यक हैं।
कृतिका कुल्हरी ने कहा कि कोविड-19 महामारी का पीड़ित के परिवार और परिवेश पर अत्यन्त नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। पीड़ित को जहां सही जानकारी के अभाव अथवा अनेक संसाधनों से उपलब्ध अत्यधिक सूचनाओ के कारण मानसिक दबाव झेलना पड़ा वहीं उनके परिजनों को भी समस्याओं से दो-चार होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर अनेक प्रयास किए गए। प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जहां लोगों को दूरभाष के माध्यम से परामर्श प्रदान किया गया वहीं विभिन्न स्तरों पर रोगियों एवं उनके परिजनों के साथ-साथ समाज के कमज़ोर वर्गों को भोजन, वस्त्र एवं अन्य साधनों के रूप में सहायता भी उपलब्ध करवाई गई।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से निपटने में चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों तथा फ्रंट लाइन वर्करों की भूमिका अहम है। चिकित्सकों तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के मनोबल को बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है।
कृतिका कुल्हरी ने आशा जताई कि 03 दिवसीय यह कार्यशाला कोविड-19 से बचाव के लिए कार्यरत फ्रन्ट लाईन कार्यकर्ताओं एवं अन्य समूहों को मानसिक रूप से अधिक मज़बूत बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
रिसोर्स पर्सन नवनीत यादव ने कहा कि कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति को मानसिक रूप से सम्बल प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान मानसिक तनाव से ग्रस्त, उदासीन एवं चिन्ताग्रस्त रोगियों की संख्या बढ़ी है। इतने लम्बे समय से घर पर ही रहने के कारण बच्चों एवं युवा पीढ़ी पर भी इसका प्रतिकिूल प्रभाव पड़ा है। इन समस्याओं से निपटने के लिए आवश्यक है कि सभी कोविड-19 के बाद के प्रभावों को न्यून करने के लिए सभी सामूहिक रूप से कार्य करें।
कार्यशाला में अनुराधा ने कोविड-19 के सम्बन्ध में अनुभवों तथा निधि काल्टा ने प्रभावित जनसंख्या पर कोविड-19 के प्रभावों की जानकारी प्रदान की।
जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की जिला समन्वयक अपूर्वा ने 03 दिवसीय कार्यशाला की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला में फ्रन्ट लाईन वर्कर, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्वयंसेवी संस्था अर्थ जस्ट, गणपति सोसायटी कुनिहार, डूअर्ज तथा इंडियन काउन्सिल फाॅर सोशल वेल्फेयर के सदस्य, हमारा रेडियो के प्रतिनिधि, शूलिनी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से वैशाली, रेडक्राॅस सोलन तथा महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।