
अल्मोड़ा। मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत में ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान के तहत आयोजित बहुउद्देशीय शिविर में प्रतिभाग किया। शिविर के दौरान मुख्यमंत्री ने आमजन से संवाद किया और विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण किया। इस अवसर पर पात्र लोगों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया गया और कई जनसमस्याओं का मौके पर ही समाधान किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा जिले में कुल 77.25 करोड़ रुपये की लागत की 32 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें 47.85 करोड़ रुपये की लागत से नौ योजनाओं का शिलान्यास और 29.40 करोड़ रुपये की लागत से 23 योजनाओं का लोकार्पण शामिल रहा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने रानीखेत विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं। मुख्यमंत्री की घोषणाओं में विकासखंड भिकियासैंण में गगास और रामगंगा नदियों पर तटबंध निर्माण और पैदल पथ का नव निर्माण, देवलीखेत, चौनलिया, खिरखेत और भुजान स्थित राजकीय इंटर कॉलेजों में मिनी स्टेडियमों का निर्माण, सनणा सिंचाई लिफ्टिंग योजना का उच्चीकरण, रानीखेत में एनसीसी ग्राउंड या स्टेडियम निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये की स्वीकृति, रानीखेत स्थित रानीझील का विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण तथा रानीखेत विधानसभा क्षेत्र में हेलीपैड निर्माण की घोषणा शामिल है। शिविर में बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रशासन से जुड़ी सभी सेवाओं को जनता तक उनके ही क्षेत्र में सुलभ कराना है। इसके लिए अधिकांश सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है और बहुउद्देशीय शिविरों के माध्यम से समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान के जरिए शासन-प्रशासन को सीधे आमजन के बीच ले जाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों तक सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है और मानसखंड के पौराणिक मंदिरों के पुनरुद्धार और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि पलायन निवारण आयोग की रिपोर्ट के अनुसार रिवर्स पलायन में 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति के सशक्तिकरण के लिए सरकार ने सरकारी सेवाओं में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य की एक लाख 68 हजार से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रानीखेत विधानसभा क्षेत्र में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 17 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से भवानी देवी पेयजल योजना और पांच करोड़ रुपये की लागत से भतरौजखान रामगंगा पंपिंग पेयजल योजना पर कार्य किया जा रहा है। बहुउद्देशीय शिविर के बाद मुख्यमंत्री ने ग्वाल देवता मंदिर पहुंचकर दर्शन और पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर, ताड़ीखेत में बच्चों से संवाद किया। कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा, रानीखेत विधायक डॉक्टर प्रमोद नैनवाल, दायित्वधारी कैलाश पंत और अनिल शाही, ब्लॉक प्रमुख बबली मेहरा, जिलाधिकारी अंशुल सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पींचा, मुख्य विकास अधिकारी रामजीशरण शर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष घनश्याम भट्ट सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।

