


रुद्रप्रयाग(आरएनएस) जनपद की केदारघाटी के मैखंडा गांव में मंदाकिनी नदी किनारे स्थित जंगल में फंसे भालू को वन विभाग की टीम ने आजाद करा दिया। भालू के घास के बीच पैर फंसे होने की सूचना ग्रामीण महिलाओं द्वारा दी गई, जिसके बाद बीते रात से वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर भालू को मुसीबत से छुड़ाया। हालांकि उसके बाद वह दूर जंगल में भाग गया। वन विभाग के अनुसार बीते दिन ग्राम सभा मैखंडा की बुर्सिल क्षेत्र के जंगलों में करीब सांय साढ़े तीन बजे करीब घास लेने गई महिलाओं को भालू के चीखने की आवाज सुनाई दी। जब गांव के लोगों ने दूर से देखा तो भालू झाड़ियों के बीच तार में फंसा दिखाई दिया। इसकी सूचना शीघ्र ही वन विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही मय फोर्स वन विभाग मौके पर पहुंची जहां भालू को निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू किया गया। देर सांय तक जारी अभियान शुक्रवार सुबह सफल हो सका। भालू को ट्रंकुलाइज कर किसी तरह सुबह 5 बजे झाड़ियों से हटाया गया और उसे दूर जंगल में छोड़ दिया गया। जिसके बाद वह दूर भाग गया। इधर, ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने कहा कि उनके द्वारा शुरू से ही भालू को पकड़ने की मांग की गई थी पूर्व में भी भालू द्वारा कई मवेशियों को मार दिया गया। भालू के जंगलों में जाने से ओर अधिक खतरा बढ़ गया है। अब महिलाएं घास के लिए भी जाने में कतराने लगी हैं। ग्राम प्रधान मैंखडा कविता देवी ने बताया कि देर सांय भालू के फंसे होने की सूचना वन विभाग को दी गई थी तभी से उसे पकड़ने की मांग की गई किंतु वन विभाग द्वारा उसे निकालकर छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब हमारे गांव सहित नजदीकी गांवों के लिए भी खतरा बढ़ गया है। वन क्षेत्राधिकारी गुप्तकाशी हरि शंकर रावत ने बताया कि गुरुवार देर सांय मैखंडा गांव के नीचे जंगलों में भालू के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई, सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम वन प्रभागीय अधिकारी रजत सुमन के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। भालू को काफी मशक्कत के बाद छुड़ा लिया गया। इस दौरान मौके पर एसडीओ देवेंद्र पुंडीर, एसडीओ डॉ दिवाकर पंत, वन क्षेत्राधिकारी जखोली सुरेन्द्र सिंह सहित वन कर्मी एवं स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे।

