
अल्मोड़ा। सिविल सोयम वन प्रभाग अल्मोड़ा अब वन प्रबंधन को अधिक वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टि से सशक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है। इसके तहत प्रभाग में जल्द ही जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) सेल स्थापित किया जाएगा। शनिवार को प्रभागीय वन अधिकारी अल्मोड़ा दीपक सिंह और सिविल सोयम वन प्रभाग अल्मोड़ा के प्रभागीय वन अधिकारी प्रदीप धौलाखंडी के निर्देशन में वन चेतना केंद्र, मिनी जू अल्मोड़ा में जीआईएस के उपयोग और वन विभाग में इसकी महत्वता विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में प्रोफेसर जीवन सिंह रावत और डॉ. नवीन चंद्र जोशी, निदेशक मानसखंड विज्ञान केंद्र, ने प्रतिभागियों को जीआईएस की उपयोगिता और इसके व्यावहारिक अनुप्रयोग पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया। इस प्रशिक्षण में सिविल सोयम वन प्रभाग और अल्मोड़ा वन प्रभाग से आए लगभग 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रभागीय वन अधिकारी प्रदीप धौलाखंडी ने बताया कि जीआईएस तकनीक के माध्यम से वनों का अधिक सटीक सर्वेक्षण, सीमा निर्धारण, वृक्ष प्रजातियों की निगरानी और वन संसाधनों का बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा। इसके लिए प्रभाग स्तर पर समर्पित जीआईएस सेल की स्थापना की जा रही है। कार्यशाला के प्रशिक्षक प्रोफेसर जीवन सिंह रावत, जो प्रसिद्ध हाइड्रोलॉजिस्ट, यूकॉस्ट के सलाहकार और एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में विजिटिंग प्रोफेसर हैं, ने प्रतिभागियों को अपने व्यावहारिक अनुभवों से अवगत कराया। वहीं, विशेष अतिथि डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए वन प्रबंधन में वैज्ञानिक तकनीकों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में सिविल सोयम वन प्रभाग और अल्मोड़ा डिवीजन के रेंज अधिकारियों सहित सभी फील्ड स्टाफ ने भाग लिया।





