
अल्मोड़ा। उत्तराखंड शासन के सचिव दिलीप जावलकर ने शनिवार को अल्मोड़ा पहुंचकर जनपद में संचालित विभिन्न विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों एवं बेस्ट प्रैक्टिस की समीक्षा बैठक की। बैठक में सचिव जावलकर ने आपदा प्रबंधन, सिंचाई, जलागम विकास, राजस्व एवं अन्य विभागों की प्रगति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण रूप से किया जाए ताकि जनता को अधिकतम लाभ मिल सके। सचिव ने विशेष रूप से जलागम प्रबंधन की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने जलागम के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि कार्यों में अपेक्षित प्रगति लाई जाए तथा कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जलागम के कार्यों को ग्राम पंचायत विकास योजना में अनिवार्य रूप से रखा जाए तथा नियमित रूप से उन कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जलागम के सभी कार्यों में वनीकरण का प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं भूमिगत जल के पुनर्चक्रण में वनीकरण का जितना योगदान है उतना शायद ही किसी तरीके से हो। जलागम एवं सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं जल संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए नवीन तकनीकों को अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद के विकास को लेकर शासन स्तर से जो भी सहयोग एवं कार्य होगा वह प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा। उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि शासन स्तर पर जो भी कार्य लंबित है अथवा कोई अन्य मदद की जरूरत है, तो उसका विवरण उपलब्ध कराएं जिससे उसका निस्तारण जल्द से जल्द किया जा सके। उन्होंने जनपद में चल रहे नए नए कार्यों एवं बेस्ट प्रैक्टिस की भी समीक्षा की। बेस्ट प्रैक्टिस की समीक्षा कर उन्होंने जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय की विजन एवं नवाचारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आधुनिकता को अपनाते हुए नए नए नवाचार एवं प्रौद्योगिकी का प्रयोग निरंतर रूप से किया जाए । उन्होंने जनपद में चल रही बेस्ट प्रैक्टिस की सराहना करते हुए कहा कि इन्हें अन्य जनपदों में भी मॉडल के रूप में अपनाया जा सकता है। बैठक में जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय, मुख्य विकास अधिकारी रामजी शरण शर्मा, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल, उप निदेशक जलागम अजय कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।