
अल्मोड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा से प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी 2100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस ऐतिहासिक अवसर का सीधा प्रसारण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद–विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में विशेष कार्यक्रम के रूप में किया गया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिन विशेष है, क्योंकि आज ही भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण और भारत रत्न नानाजी देशमुख की जयंती है, जिनका जीवन किसानों और गरीबों की सेवा के लिए समर्पित रहा। संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री, सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग अजय टम्टा वर्चुअल माध्यम से जुड़े। उन्होंने कहा कि विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान किसानों की प्रगति के लिए निरंतर कार्य कर रहा है और यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगी। कार्यक्रम में अल्मोड़ा नगर निगम के महापौर अजय वर्मा भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई योजनाएं जमीनी स्तर तक लाभ पहुंचाने वाली हैं और किसानों को इनका पूरा लाभ उठाना चाहिए। संस्थान के निदेशक लक्ष्मीकांत ने बताया कि यह योजना देश के 100 पिछड़े कृषि जिलों में उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से लागू की जा रही है। उत्तराखंड से अल्मोड़ा और चमोली जिले योजना में शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के तहत अरहर, उड़द और मसूर जैसी फसलों के उत्पादन पर विशेष बल दिया जाएगा। कार्यक्रम में वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को रबी फसलों की उन्नत तकनीक, रोग नियंत्रण, मृदा उर्वरता और जैविक खेती के विषयों पर जानकारी दी गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में किसानों, वैज्ञानिकों और मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया।