
देहरादून(आरएनएस)। देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल (डीडीएलएफ) ने अपने 7वें संस्करण की घोषणा कर दी है। यह आयोजन 14, 15 और 16 नवंबर को दून इंटरनेशनल स्कूल डालनवाला में होगा। फेस्टिवल में साहित्य में योगदान के लिए रस्किन बॉन्ड साहित्य पुरस्कार, साहस और सशक्तीकरण के लिए शिवानी-आयरन लेडी ऑफ द हिल्स पुरस्कार और हिमालयी विरासत और प्रकृति संरक्षण के लिए गार्डियंस ऑफ हिमालयाज पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इस बार के आयोजन की थीम “वसुधैव कुटुम्बकम – वॉयसेज ऑफ यूनिटी” है। जो शब्दों की ताकत और विविध संस्कृतियों को जोड़ने की क्षमता को रेखांकित करेगा। खास बात यह है कि फेस्टिवल की शुरुआत 14 नवंबर-बाल दिवस पर होगी और इस वर्ष उत्तराखंड राज्य व उसकी राजधानी देहरादून अपने 25 वर्ष भी पूरे कर रहे हैं। इस संस्करण का एक प्रमुख फोकस सस्टेनेबिलिटी (स्थिरता) भी रहेगा। फेस्टिवल के संस्थापक सम्रांत विरमानी ने बताया कि, इस बार का फेस्टिवल साहित्य, सिनेमा, संगीत, प्रदर्शन, खानपान और संस्कृति का बहुआयामी संगम वाला होगा। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ दो चर्चाओं का नेतृत्व करेंगे – एक, स्कूल के विद्यार्थियों के साथ “वी द स्टूडेंट्स: डायलॉग ऑन डेमोक्रेसी” और दूसरी “न्याय, लोकतंत्र और भारत की अवधारणा” पर लेखकों में दिव्या प्रकाश दुबे, अभय के, अनामिका, सैम डालरिम्पल, रूपा पाई और शोभा थरूर श्रीनिवासन शामिल होंगे, जो कहानी कहने, इतिहास और नए साहित्यिक स्वर पर चर्चा करेंगे। “कहानी जंक्शन” और “सीता की कथा पुनः प्राप्त” जैसे सत्र विशेष आकर्षण होंगे। सिनेमा और परफॉर्मिंग आर्ट्स में नंदिता दास और लीना यादव के साथ महिला निर्देशकों का विशेष राउंडटेबल होगा। “अपना अपना नॉर्मल” और “पिक्चर अभी बाकी है” जैसे सत्र में अभिनेता और फिल्मकार अपने अनुभव और संघर्ष साझा करेंगे। संगीत और संस्कृति के क्षेत्र में मालिनी अवस्थी अपनी आत्मकथा “चंदन किवाड़” पर चर्चा करेंगी और “साउंड ऑफ वीमेन – फोक रिदम्स फ्रॉम उत्तराखंड” प्रस्तुत करेंगी।