
नई टिहरी(आरएनएस)। यूकॉस्ट उत्तराखंड के सहयोग से टीएचडीसी इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भागीरथीपुरम (आईएचईटी) में आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) सेल के तहत एक्सपर्ट लेक्चर सीरीज का शुभारंभ किया गया। जिसमें वक्ताओं ने बौद्धिक संपदा अधिकार और इसके लाभ बताए। शनिवार को मुख्य वक्ता यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डॉ. डीपी उनियाल और पजेक्ट साइंटिस्ट हिमांशु गोयल ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने छात्रों को आईपीआर संबंधी विस्तृत जानकारी दी और उनके सवालों का समाधान किया। कार्यक्रम में 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। संस्थान के निदेशक प्रो. एसके प्रधान ने कहा कि इस प्रकार की शैक्षणिक पहल छात्रों में शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देगी। फैकल्टी कोऑर्डिनेटर डॉ. रमना त्रिपाठी, छात्र समन्वयक अक्षत केसवाल, वैभव पोखरियाल, मयंक और दिव्यांशु ध्यानी का कार्यक्रम संपादन में विशेष योगदान रहा। इधर, एचएनबी गढ़वाल विवि के एसआरटी परिसर बादशाहीथौल में शिक्षा विभाग के तत्वावधान में बौद्धिक संपदा अधिकारः शिक्षकों और शिक्षाविदों में जागरूकता, चुनौतियां और समाधान विषय पर यूकॉस्ट के सहयोग से राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई। टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय ने आईपीआर को समय की मांग बताते हुए कहा कि शिक्षक और शिक्षाविद इस विषय में जागरूक होकर विद्यार्थियों को नवाचार की दिशा में प्रेरित करें। निदेशक प्रो. एए बौड़ाई ने कहा कि आईपीआर का ज्ञान हमारे जीवन में आवश्यक है। इससे विवि की समृद्धि बढ़ती है। डीन प्रो. सुनीता गोदियाल ने कहा कि यदि हम आईपीआर को मध्यनजर रखते हुए अपना शोधकार्य करें तो, शोधकार्य की गुणवत्ता बढ़ेगी। मुख्य वक्ता डॉ. ममता राणा ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार में पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और अन्य अधिकार विशेष महत्व रखते हैं। इस मौके पर सुमन लता, संयोजक डॉ. मनोज नौटियाल, डॉ. हेमराज, प्रो. आरसी रमोला, प्रो. डीएस कैंतुरा, प्रो. जेडीएस नेगी, प्रो. केएस रावत, डा. नीरज जोशी, डा. देवम, डा. अखिलेश गौतम, डा. अरविंद कुमार आदि मौजूद थे।