Skip to content

RNS INDIA NEWS

आपकी विश्वसनीय समाचार सेवा

Primary Menu
  • मुखपृष्ठ
  • अंतरराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • राज्य
    • उत्तराखंड
      • अल्मोड़ा
      • उत्तरकाशी
      • ऊधम सिंह नगर
      • बागेश्वर
      • चम्पावत
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • चमोली
      • देहरादून
      • पौड़ी
      • टिहरी
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
    • अरुणाचल
    • आंध्र प्रदेश
    • उत्तर प्रदेश
    • गुजरात
    • छत्तीसगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सोलन
    • दिल्ली
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • मणिपुर
    • राजस्थान
    • त्रिपुरा
  • अर्थ जगत
    • बाजार
  • खेल
  • विविध
    • संस्कृति
    • न्यायालय
    • रहन-सहन
    • मनोरंजन
      • बॉलीवुड
  • Contact Us
  • About Us
  • PRIVACY POLICY
Watch
  • Home
  • राज्य
  • उत्तराखंड
  • हरिद्वार
  • मां मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर बंदरों और लंगूरों का आतंक
  • हरिद्वार

मां मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर बंदरों और लंगूरों का आतंक

RNS INDIA NEWS 14/07/2025
default featured image

हरिद्वार(आरएनएस)। हरिद्वार स्थित सिद्धपीठ मां मनसा देवी मंदिर जाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए तीन मार्ग हैं। श्रद्धालु उड़ान खटोले, सीढ़ी मार्ग और पैदल मार्ग से मंदिर जाते हैं। दो किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग पर ऊंची चढ़ाई चढ़कर सबसे ज्यादा श्रद्धालु मंदिर दर्शन करने जाते हैं। पैदल मार्ग श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक आस्था का रास्ता है लेकिन यह मार्ग अब बंदरों और लंगूरों के आतंक की वजह से भय का कारण बन गया है। प्रतिदिन करीब 20 हजार श्रद्धालु इस खड़ी चढ़ाई वाले रास्ते से मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं लेकिन रास्ते भर बंदरों की उपद्रवी टोली श्रद्धालुओं को परेशान करती है। ये टोलियां उनसे रास्ते में प्रसाद, फूल, नारियल और पानी की बोतलें छीनने में लगी रहती है। कई बार ये बंदर श्रद्धालुओं के हाथ-पैर पर झपट्टा मार देते हैं, जिससे चोटें लगने की घटनाएं भी सामने आई हैं। कुछ श्रद्धालु तो डर की वजह से बीच रास्ते से ही वापस लौटने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसे में बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए पैदल मंदिर पहुंचना कठीन हो जाता है। श्रद्धालुओं ने कहा कि मां मनसा देवी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि गहरी आस्था और विश्वास का केंद्र है। यहां मार्ग पर डर, खतरा और असुरक्षा का माहौल नहीं होना चाहिए। इसके लिए मंदिर समिति, नगर निगम, वन विभाग और जिला प्रशासन मिलकर इस गंभीर समस्या पर एकजुटता से काम करें। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। अगर बंदरों की समस्या का समाधान समय पर नहीं हुआ, तो भविष्य में कोई बड़ा हादसा होने की संभावना है। स्थानीय लोगों बंदर कई बार झुंड बनाकर हमला करते हैं। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं। न तो बंदरों को नियंत्रित करने के प्रयास हो रहे हैं और न ही मार्ग पर कोई गार्ड या प्रशिक्षित कर्मी तैनात हैं। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द इस गंभीर समस्या का समाधान किया जाए।

शेयर करें..

Post navigation

Previous: बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप हुए अलग, 7 साल पहले हुई थी दोनों की शादी
Next: गोपीनाथ मंदिर के शीर्ष पर कलश पुनर्स्थापित किया

Related Post

default featured image
  • हरिद्वार

हाईवे पर डिवाइडर के बीच उगी झाड़ियों से हादसों का खतरा

RNS INDIA NEWS 07/10/2025
default featured image
  • हरिद्वार

धोखाधड़ी मामले में पार्षद सहित तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा

RNS INDIA NEWS 07/10/2025
default featured image
  • हरिद्वार

हत्या के मामले में फरार दो आरोपी गिरफ्तार

RNS INDIA NEWS 07/10/2025

यहाँ खोजें

Quick Links

  • About Us
  • Contact Us
  • PRIVACY POLICY

ताजा खबर

  • पर्यावरण संरक्षण सुधार एवं जागरुकता विषय पर प्रदर्शनी आयोजित
  • अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर विभिन्न स्थलों पर आयोजित हुए जागरूकता शिविर
  • सचिव ने की अल्मोड़ा जनपद में संचालित विभिन्न विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों की समीक्षा
  • पीएम मोदी ने की धन-धान्य कृषि योजना की शुरुआत, किसानों ने देखा सीधा प्रसारण
  • संघ का स्वयंसेवक किसी जाति, धर्म या भाषा के भेदभाव में विश्वास नहीं करता: सुनील
  • संगीत, संवाद और रचनात्मकता से सजा अल्मोड़ा साहित्य महोत्सव का दूसरा दिन

Copyright © rnsindianews.com | MoreNews by AF themes.