
अल्मोड़ा(आरएनएस)। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के प्रक्षेत्र हवालबाग में 24 से 26 जून तक ‘पर्वतीय क्षेत्रों मे आजीविका सुरक्षा हेतु उन्नत कृषि तकनीकें’ विषय पर तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विकासखण्ड-बेतालघाट, जनपद नैनीताल से 35 पुरूष एवं 5 महिला कृषकों ने सहभागिता की। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को संजीवनी विकास एवं जनकल्याण समिति तथा अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित किया गया। तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विविध विषयों पर व्याख्यान एवं प्रदर्शन प्रस्तुत किए गए, जिनमें मडुवा, चुआ जैसी मोटे अनाज फसलों की वैज्ञानिक खेती, विभिन्न प्रकार की मक्का की वैज्ञानिक खेती, मोटे अनाजों की उन्नत सस्य क्रियाएं, बीज उत्पादन तकनीक, कीट एवं रोग प्रबंधन, संरक्षित तकनीक द्वारा सब्जियों का उत्पादन, जल प्रबंधन, मशरूम उत्पादन, जैविक खेती व मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन से संबंधित विषय किसानों के साथ साझा किए गए। इसके अतिरिक्त कृषि में आय बढ़ाने वाले नए आयामों, तकनीकों आदि के बारे में भी किसानों को जानकारी दी गयी। इस अवसर पर प्रतिभागी कृषकों को संस्थान द्वारा एक किट भी वितरित की गई, जिसमें वीएल मडुवा 400, वीएल चुआ 110, दूनागिरी मूली, एवं हाथीकान सरसों की उन्नत प्रजातियों के बीज, कुरमुला प्रबन्धन हेतु डब्ल्यू जी पी एस बी 2 पाउडर तथा मडुंवे के प्रसंस्करित उत्पाद शामिल थे। कार्यक्रम के अंतिम दिन सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए एवं उनके अनुभवों पर एक खुला संवाद सत्र आयोजित किया गया। कृषकों ने कार्यक्रम को अत्यंत लाभकारी, शिक्षाप्रद और व्यावहारिक जानकारी से भरपूर बताया। कार्यक्रम का समन्वयन एवं संचालन संस्थान के वैज्ञानिक डॉ अमित ठाकुर, डॉ नवीन चंद्र गहत्याड़ी, डॉ राजेंद्र प्रसाद मीणा द्वारा किया गया।