दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में समय पर काम पूरा करने के निर्देश

चमोली(आरएनएस)।  सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी सड़क सुरक्षा कार्यों की स्वयं निगरानी कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने सड़क निर्माणदायी संस्थाओं को सड़कों पर ब्लैक स्पॉट और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों पर सड़क सुरक्षा के कार्यों को प्राथमिकता पर पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को चेतावनी दी है कि खराब सड़क होने के कारण कोई भी दुर्घटना हुई, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था की रहेगी और कार्यदायी संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी की चेतावनी और स्वयं निगरानी के कारण अब सड़कों की तस्वीर बदलने लगी है। कार्यदायी संस्थाएं सड़कों पर संवेदनशील स्थलों पर क्रैश बैरियर, पैराफिट, साथ ही सड़क सुधारीकरण के कार्यों में जुटे हैं। सड़क सुरक्षा कार्यों के नोडल अधिकारी लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि प्रांतीय खंड गोपेश्वर के द्वारा 4.654 किलोमीटर में क्रैश बैरियर लगाए जाने थे, जिसमें 4.0 किलोमीटर में लग चुके हैं और 0.65 किलोमीटर में कार्य शेष हैं। एनएच रुद्रप्रयाग द्वारा 64.675 किलोमीटर के सापेक्ष 18.455 किलोमीटर में क्रैश बैरियर लग चुके हैं और 46.220 किलोमीटर में कार्य बाकी हैं। एनएचआईडीसीएल द्वारा 67.644 के सापेक्ष 66.224 किलोमीटर में क्रैश बैरियर लगाए गए हैं और 14.20 किलोमीटर में काम चल रहा है। 75-बीआरओ द्वारा 41.702 के सापेक्ष 38.500 किलोमीटर में काम पूरा किया गया है। जबकि 66-बीआरओ ने 62 किलोमीटर में निर्धारित अपना शत प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। लोनिवि 52.025 किलोमीटर के सापेक्ष 30 किलोमीटर में क्रैश बैरियर लगाए जा चुके हैं।
यहीं नहीं एनएच-7 पर दुर्घटना संभावित स्थल ज्योर्तिमठ के आर्मी टीसीपी, जोगीधारा, हाईटेंशन टावर, कस्बा सेंलग, पैनी, लामबगड़, कचरा नाला, टया पुल, विष्णुप्रयाग से टया पुल तक क्रैश बैरियर लगा दिए गए हैं। जबकि बलदौड़ा, गोविन्द घाट एवं अन्य कुछ स्थानों पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य प्रगति पर है। सड़क चौड़ीकरण के बाद इन स्थानों पर भी क्रैश बैरियर, डेलमिनेटर और पैराफीट का काम किया जाएगा।

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